शिशु मृत्यु की रिपोर्टिंग में जिला काफी पीछे, आधे का ही चल पाता है पता

शेखपुरा :-बच्चों की होने वाली मौत की रिपोर्टिंग में शेखपुरा जिला काफी पीछे है। जिला में जितने बच्चों

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jan 2019 10:48 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jan 2019 10:48 PM (IST)
शिशु मृत्यु की रिपोर्टिंग में जिला काफी पीछे, आधे का ही चल पाता है पता
शिशु मृत्यु की रिपोर्टिंग में जिला काफी पीछे, आधे का ही चल पाता है पता

शेखपुरा :-बच्चों की होने वाली मौत की रिपोर्टिंग में शेखपुरा जिला काफी पीछे है। जिला में जितने बच्चों की मौत होती है, उसमें से मात्र आधे की रिपो¨टग हो पाती है। इसी रिपोर्टिंग को सही और सटीक बनाने के लिए मंगलवार को विशेष कार्यशाला आयोजित की गयी। यह कार्यशाला यूनिसेफ ने आयोजित की थी। इसमें केयर इंडिया ने भी अपना सपोर्ट दिया। कार्यशाला का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ एमपी ¨सह ने किया। एक दिन की कार्यशाला में सदर अस्पताल के डाक्टर के साथ सभी पीएचसी के प्रभारी एवं एक-एक चिकित्सक के साथ प्रसव कक्ष व न्यू बेबी केयर यूनिट में काम करने वाली स्टाफ नर्सों को जरुरी बातें बताई गई। इसमें यूनिसेफ पटना से आई विशेषज्ञ डॉ अनुपमा ने जरुरी बातें बताई। इस बाबत सिविल सर्जन ने बताया कि यह कार्यशाला चाइल्ड डेथ रिपोर्ट कार्यक्रम के तहत आयोजित की गयी है। इसमें जन्म से लेकर पांच साल तक की आयु के बच्चों की मौत पर उसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करना है। इसमें जन्म से 28 दिन के भीतर मरने वाले बच्चों। उसके बाद जन्म के बाद एक साल के अंदर और फिर जन्म के पांच साल के भीतर मरने वाले बच्चों के बारे में सारी जानकारी इकट्ठा करके रिपोर्ट बनानी है। यह मौत अस्पताल में हुई हो या फिर घर में, सभी की रिपोर्टिंग करनी है। बताया गया कि बिहार में जन्म के 28 दिन के भीतर हर एक हजार बच्चों में 27 की मौत हो जाती है। जन्म के बाद एक साल के भीतर मरने वालों की यह संख्या 38 है। इस बाबत केयर इंडिया के अधिकारी ने बताया कि इस रिपोर्टिंग में शेखपुरा जिला की स्थिति काफी ़खराब है। उन्होंने बताया कि जिला में हर महीने औसत 67 बच्चों की मौत हो रही है, मगर रिपो¨टग मात्र 30 की ही हो रही है। इसी को सटीक बनाने के लिए कार्यशाला हुई है।

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