देश के पावर प्लांटों में कोयला संकट का साइड इफेक्ट झेल रहा शेखपुरा

जासं शेखपुरा देश के पावर प्लांटों में कोयले की कमी का साइड इफेक्ट शेखपुरा जिले के प

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 May 2022 11:56 PM (IST) Updated:Fri, 13 May 2022 11:56 PM (IST)
देश के पावर प्लांटों में कोयला संकट का साइड इफेक्ट झेल रहा शेखपुरा
देश के पावर प्लांटों में कोयला संकट का साइड इफेक्ट झेल रहा शेखपुरा

जासं, शेखपुरा:

देश के पावर प्लांटों में कोयले की कमी का साइड इफेक्ट शेखपुरा जिले के पत्थर कारोबार भी झेल रहे है। पावर प्लांटों में कोयले की आपूर्ति सामान्य बनाएं रखने के लिए रेलवे ने शेखपुरा से पत्थर, स्टोन चिप्स और स्टोन डस्ट की ढुलाई बंद कर रखा है। यह ढुलाई बंद होने से एक तरफ जहां रेलवे को प्रतिदिन लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान सहना पड़ रहा है तो दूसरी तरफ इससे जुड़े पांच सौ से अधिक लोग एक महीने से बेरोजगार पड़े हैं। इस संबंध में शेखपुरा के स्टेशन प्रबंधक भागवत रविदास ने बताया कि पावर प्लांटों पर कोयले की सप्लाई के लिए मालगाड़ी के डिब्बों की मांग होने से शेखपुरा में पत्थर की ढुलाई के लिए डिब्बे (रैक) नहीं मिल रहे हैं। एक महीने से यह समस्या है, बिजली प्राथमिकता की चीज है, इस लिए अभी रैकों को कोयला ढ़ोने में लगाया गया है। कुछ दिनों में रैक मिलते ही शेखपुरा से पत्थर की ढुलाई फिर शुरू हो जाएगी।

पत्थर कारोबार का केंद्र है शेखपुरा-

शेखपुरा जिला पत्थर कारोबार का बड़ा केंद्र है। यहां के पहाड़ों में पत्थर उत्खनन के कार्य में कई बड़ी कंपनियां लगी है। इससे राज्य सरकार को मोटा राजस्व और हजारों लोगों को रोजगार भी मिलता है। यहां का पत्थर रेलवे ट्रैक, सड़क और पुल निर्माण के साथ भवन निर्माण के लिए उत्तर बिहार के आधा दर्जन जिलों के साथ बंगाल के वर्धमान और दुर्गापुर तक जाता है। सड़क मार्ग की अपेक्षा कम भाड़ा और सुविधा की वजह से एजेंसी रेल रैक के माध्यम से पत्थर की ढुलाई करती है।

राजस्व और रोजगार दोनों प्रभावित---

पत्थर की ढुलाई बंद होने से रेलवे के राजस्व और लोगों का रोजगार दोनों प्रभावित हो रहा है। पत्थर ढुलाई से रेलवे को प्रतिदिन तीन रैक से औसतन 45 लाख रुपये का राजस्व मिलता था। ढुलाई से जुड़े एक सौ हाइवा, ट्रक व डोजर बंद पड़े हैं। रैक पर लगभग एक सौ श्रमिकों को रोज रोजगार मिलता था। सप्लाई बंद होने से पहाड़ों से उत्खनन का काम भी रुका पड़ा है। इसी काम से जुड़े संजीत पांडे और मुकेश यादव बताते हैं 5 सौ से अधिक लोगों का रोजगार प्रभावित है।

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