कोरोना के साथ एईएस की चुनौती, स्वास्थ्य विभाग ने पूरी की तैयारी

शिवहर। कोरोना संक्रमण के बीच अब एईएस की चुनौती सामने आने लगी है। तापमान में इजाफा के सा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 12:17 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 12:17 AM (IST)
कोरोना के साथ एईएस की चुनौती, स्वास्थ्य विभाग ने पूरी की तैयारी
कोरोना के साथ एईएस की चुनौती, स्वास्थ्य विभाग ने पूरी की तैयारी

शिवहर। कोरोना संक्रमण के बीच अब एईएस की चुनौती सामने आने लगी है। तापमान में इजाफा के साथ ही बच्चों में सर्दी-खांसी और बुखार की शिकायतें आम हो गई है। ऐसे में सर्दी, खंसी और बुखार की शिकायत एईएस का रूप नहीं ले, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने पूरी ताकत झोंक दी है। आशा, सेविका, सहायिका, जीविका दीदी, एएनएम और ग्रामीण चिकित्सकों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा आगाह किया जा रहा है। साथ ही सभी अस्पतालों में इलाज और दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करा दी गई है। एईएस-चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारी पूरी कर ली गई है। सीएस डॉ. आरपी सिंह के निर्देश पर आशा, एएनएम, ग्रामीण चिकित्सक, पारा मेडिकल स्टाफ और एंबुलेंस के टेक्नीशियन समेत ग्रामीण क्षेत्र से जुड़े स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है। सदर अस्पताल से लेकर पीएचसी तक तय मानक के मुताबिक दवा व उपकरण उपलब्ध करा दिए गए हैं। यूनिसेफ समेत अन्य सहयोगी संस्था भी एईएस-चमकी बुखार से बचाव में सहयोग कर रही है। आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, आशा व विकास मित्र घर-घर घूम कर लोगों को जागरूक भी कर रहे हैे। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ कामेश्वर कुमार सिंह के अनुसार एईएस या चमकी बुखार को बीमारी का छाता कह सकते हैं। इसके लक्षण जैसी कई बीमारियां होती हैं। इसका कारण अभी तक पता नहीं। इसके मुख्य कारण गर्मी, नमी व कुपोषण सामने आए हैं। जब गर्मी 36 से 40 डिग्री व नमी 70 से 80 फीसद के बीच हो तो इसका कहर शुरू होता है। बीमारी का लक्षण तेज बुखार व चमकी आना है, यही वजह हैं कि, इसे चमकी बुखार कहते हैं। सिविल सर्जन डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि, गर्मी में बच्चों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिड्रोम फैलता है। यह एक जानलेवा बीमारी है। सीएस ने बताया कि, स्वास्थ्य विभाग एईएस और चमकी बुखर की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। सदर अस्पताल समेत सभी पीएचसी में इसके लिए अलग से वार्ड बनाया गया है। इलाज के लिए उपकरण और दवा भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है। इधर, डुमरी कटसरी पीएचसी में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें कर्मियों को एईएस-चमकी बुखार से बचाव तथा गांवों में व्यापक प्रचार-प्रसार का निर्देश दिया गया। मौके पर अस्पताल प्रबंधक विवेक कुमार सिंह, एएनएम व आशा मौजूद थी।

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