छपरा में मारा गया उल्फा का हार्डकोर, शव की शिनाख्त के बाद सकते में पुलिस

उग्रवादी संगठन उल्फा के पैर बिहार में पड़ चुके हैं। उल्फा के सदस्य हेमंत के सारण में मिलने पर पुलिस सकते में है। उसकी मौत के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वह कोई मामूली अपराधी होगा, लेकिन शव की शिनाख्त के बाद पुलिस के होश उड़ गये हैं।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Fri, 19 Feb 2016 11:03 AM (IST) Updated:Fri, 19 Feb 2016 07:31 PM (IST)
छपरा में मारा गया उल्फा का हार्डकोर, शव की शिनाख्त के बाद सकते में पुलिस

सारण [राजू सिंह]। उग्रवादी संगठन उल्फा के पैर बिहार में पड़ चुके हैं। उल्फा के सदस्य हेमंत के सारण में मिलने पर पुलिस सकते में है। उसकी मौत के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि वह कोई मामूली अपराधी होगा, लेकिन शव की शिनाख्त के बाद पुलिस के होश उड़ गये हैं।

पिछले हफ्ते बनियापुर थाना क्षेत्र के पिठौरी गांव के पाण्डेय टोला में कुख्यात राजन साह और उसके साथी असम निवासी हेमंत चंगमाई उर्फ चीना की गोली मार हत्या कर दी गई थी।

पता चला है कि हेमंत उग्र्रवादी संगठन उल्फा का सदस्य था। हत्या, लूट, आम्र्स एक्ट और कई संगीन वारदातों का नामजद हेमंत के सारण आने के पीछे के कारणों का अब पता लगाना संभव नहीं है। पुलिस भी इस मसले पर कुछ भी कहने से बच रही है।

पुलिस की तफ्तीश में ये साफ हुआ है कि राजन का साथी हेमंत कुख्यात था। असम में हेमंत का आपराधिक इतिहास रहा है। वह लूट, हत्या, आम्र्स एक्ट, धोखाधड़ी जैसे कई मामलों में आरोपी रहा है। असम पुलिस की सूचना के मुताबिक हेमंत उल्फा का समर्थक था।

अब यह बात भी चर्चा में आ रही है कि किसी की हत्या की सुपारी देकर तो इन अपराधियों को नहीं बुलाया गया था? कुख्यात राजन के साथी का खुलासा होने के बाद शक की सूई इसी बिन्दु पर नजर आ रही है। अब पुलिस का भी रूख बदलता नजर आने लगा है।

सवाल है कि राजन जैसा कुख्यात अपराधी अपने कुख्यात साथी के साथ पिठौरी गांव में ही क्यों ठहरा? जांच का बिन्दु यह भी है कि राजन किसी की हत्या की सुपरी तो नहीं लिया था? इस बीच हेमंत की शिनाख्त होने के बाद उसके परिजनों को सूचना दी गई है। पुलिस ने शव सौंपने के लिए उन्हें छपरा बुलाया है।

chat bot
आपका साथी