सदर के तीन पंचायतों में बाढ़ का कहर

सारण। इंद्रपुरी बराज से सात लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण जहां गंगा नदी उफान पर ह

By Edited By: Publish:Sun, 14 Aug 2016 03:03 AM (IST) Updated:Sun, 14 Aug 2016 03:03 AM (IST)
सदर के तीन पंचायतों में बाढ़ का कहर

सारण। इंद्रपुरी बराज से सात लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण जहां गंगा नदी उफान पर है। वहीं सदर प्रखंड के तीन पंचायतें पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गयी हैं। तीनों पंचायतों का सभी गांव पूर्णत: जलमग्न है। जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो गयी है। छपरा-आरा पुल निर्माण कार्य में जुटी कंपनी का बेस कैंप भी बाढ़ की पानी में डूब गया। साथ ही पुल निर्माण का कार्य भी रोक देना पड़ा। नदी के जल स्तर में वृद्धि को देख तटीय इलाकों के लोग काफी भयत्रस्त हैं। बताया जाता है कि सदर प्रखंड का मुसेपुर पंचायत सहित दो अन्य पंचायतें पूरी तरह टापू में तब्दील हो गयी हैं। चारो तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। गांव का सड़क से संपर्क भी भंग हो गया है। साथ ही कुतुबपुर दियारा सहित अन्य गांव भी बाढ़ की चपेट में है। इंद्रपुरी बराज से शुक्रवार की देर शाम सात लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जो शनिवार की देर शाम डोरीगंज पहुंचा और आसपास के इलाकों को जलमग्न कर दिया। चंद घंटों में ही दियारा के पूरी पंचायत पूरी तरह जलमग्न हो गयी। साथ ही तटीय इलकों में भी पानी प्रवेश कर गया। गंगा नदी में अप्रत्याशित जल स्तर में वृद्धि को देख लोग काफी दहशत में हैं। छपरा-आरा पुल निर्माण कंपनी के लेवर क्वार्टर सहित निर्माण स्थल पानी में डूब गया है। देर शाम तक पुल निर्माण कंपनी के कर्मचारी पलायन कर गये। पुल निर्माण कंपनी एसपी सिंगला के प्रोजेक्ट मैनेजर बबलू कुमार सिंह ने बताया कि जल स्तर में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण कंपनी को लाखों का नुकसान हुआ है। वही चिरांद बस्ती में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। कई गांव पूरी तरह जलमग्न है। अंचलाधिकारी विजय कुमार सिंह ने तटीय इलाकों का मुआयना भी किया। उन्होंने बताया कि दियारा क्षेत्रों में शीघ्र ही नाव उपलब्ध करा दी जायेगी। जल स्तर में वृद्धि के कारण सदर प्रखंड के दर्जनों गांव में सैकड़ों एकड़ जमीन में लगे धान और मक्का का फसल पानी में डूब गया है। लगातार जल स्तर में वृद्धि हो रही है।

इनसेट -

बाढ़ का पानी बस्ती मेंफैलने पर प्रशासन की टूटी नींद

संसू, डोरीगंज (सारण): बाढ़ का पानी जब चिरांद दलित बस्ती एवं डोरीगंज बाजार में फैलने लगा तब प्रशासन की नींद खुली और आनन-फानन में खनुआ नाला के मुहान को साफ कराया गया। जेसीबी से रात में ही खनुआ नाला की सफाई करायी गयी जिसके बाद स्थिति कुछ सामान्य हुई।

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