झमाझम बारिश के बीच खेतों में पहुंचे किसान

धान का बिचड़ा गिराने में जुटे किसानों को जिला कृषि अधिकारी ने सलाह दी है कि बीजोपचार कर लें।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 05:55 PM (IST) Updated:Sat, 06 Jun 2020 06:20 AM (IST)
झमाझम बारिश के बीच खेतों में पहुंचे किसान
झमाझम बारिश के बीच खेतों में पहुंचे किसान

जागरण संवाददाता, छपरा : अचानक मौसम ने करवट ली और लोगों को राहत मिली। इसके साथ ही किसान अपने खेतों में उतर गए। धान के बिचड़े लगाने का दौर शुरू हो गया है। किसान 15 जून बाद मानसून उतरने की आस लगा रहे थे, लेकिन मौसम की मेहरबानी ने समय से पहले उनकी इच्छा पूरी कर दी। आधी रात बाद शुरू हुई तेज बारिश खेतों को भर दिया है। किसान अपने बैलों और ट्रैक्टर के साथ सुबह से ही खेतों की तैयारी में जुट गए। अभी धान के बिचड़े लगाने का उपयुक्त मौसम है, जिसे किसान अपने हाथ से जाने नहीं देना चाह रहे।

डीएओ जयराम पाल ने बताया कि किसानों को बीजों की तैयारी कर लेनी चाहिए। बीजों के चयन में सावधानी बरतनी आवश्यक है। उन्नत प्रभेद के कम पानी और कम समय में तैयार होने वाली बीज का इस्तेमाल करें। खेतों में बीज डालने से पहले उसका उपचार भी जरूरी है। बीजोपचार विधि में धान के बीजों को लगाने से पहले 8-10 घंटे तक पानी में भिगा कर रखना चाहिए। इसके बाद पानी के सतह पर आ गए खखरी यानि खराब बीजों को छान कर अलग कर लें।

डीएओ ने बताया कि खेतों में डालने से पहले एक किलो की मात्रा के अनुसार 0.2 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लीन के साथ 2 ग्राम बेविस्टीन मिला कर कम से कम दो घंटे छाया में सुखा लेना चाहिए। वहीं खेतों की तैयारी में 100 वर्गमीटर क्षेत्र में 1 किलो नेत्रजन, 1 किलो स्फूर और 1 किलो पोटाश डालना बेहतर होगा। बीज डालने के 15 दिन बाद 1 किलो नेत्रजन यानि 2.2 किलो यूरिया का छिडकाव किया जा सकता है। खरीफ मौसम में धान महत्वपूर्ण फसल है। इसे लगाने के पहले गुणवत्तापूर्ण बीजों का चयन बहुत जरूरी है। किसानों को बिहार राज्य बीज निगम से प्रमाणित बीजों पर विश्वास करना चाहिए और अधिक से अधिक इसे ही लगाने में प्राथमिकता देनी चाहिए।

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