इमरजेंसी में जेपी नहीं होते तो लोकतंत्र ही खत्म हो जाता : अमित शाह

सारण। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान यदि जेपी नहीं होते तो लोकतंत्र

By Edited By: Publish:Sun, 11 Oct 2015 07:06 PM (IST) Updated:Sun, 11 Oct 2015 07:06 PM (IST)
इमरजेंसी में जेपी नहीं होते तो लोकतंत्र ही खत्म हो जाता : अमित शाह

सारण। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान यदि जेपी नहीं होते तो लोकतंत्र ही खत्म हो जाता। गाधी के बाद वह जेपी ही थे जिन्होंने देश को सिर्फ देने का काम किया, देश से कुछ भी नहीं लिया। लोकनायक की यह जन्मस्थली लोकतंत्र में आस्था रखने वाले लोगों के लिए श्रद्धास्थली है। श्री शाह सिताबदियारा के लाला टोला में रविवार को जेपी जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि लोगों को संबोधित कर रहे थे। यहा जेपी की आड़ में पूरी तरह बिहार विधानसभा चुनाव ही छाया रहा। राजनीतिक तीर भी खूब चले। महागठबंधन के नीतीश कुमार और लालू प्रसाद पर अमित शाह ने हर तरीके से प्रहार किया। कहा लालू प्रसाद और नीतीश कुमार अपने को जेपी का अनुयायी कहते हैं और उसी की गोद में जाकर बैठते हैं जिसने जेपी जैसे महापुरुष को जेल में बंद किया था। उनका प्रहार काग्रेस की ओर था। कहा कि नीतीश-लालू कैसी सरकार दे सकते हैं, यह बिहार की जनता जान चुकी है। यहा से इस बार जंगलराज का खात्मा तय है। इस क्रम में उन्होंने यूपी के सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह और अखिलेश सरकार को भी नहीं बख्शा। जेपी के गाव के कटान का हवाला देते हुए कहा कि हमें पता है यहा कटानरोधी कायरें पर यूपी और बिहार सरकार में हमेशा बहस होती रहती है। अब ज्यादा दिन किसी को इंतजार नहीं करना है। इस नवंबर में बिहार सरकार चली जाएगी। कहा कि बिहार में परिवर्तन की हवा चल रही है। भाजपा पूर्ण बहुमत से अपनी सरकार बनाने जा रही है। एक ऐसी सरकार जिसमें जेपी की संपूर्ण कल्पना होगी। जंगलराज नहीं होगा। इस दौरान उन्होंने लाला टोला के लिए घोषित जेपी म्यूजियम कांप्लेक्स की चर्चा करते हुए कहा कि हमारे नरेंद्र भाई मोदी के जेहन में हर महापुरुष की तस्वीर है। इसी क्रम में जेपी की जन्म स्थली पर राष्ट्रीय स्मारक बनाया जा रहा है। यह स्मारक जहा होगा उस स्थान को कटान से बचाने की जिम्मेदारी भी केंद्र की होगी।

बिहार में टूट गई है लालू -नीतीश की कमर : रूडी

जेपी जयंती समारोह में केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी भी पूरे रौ में थे। उन्होंने भी जेपी को नमन के साथ लालू-नीतीश पर लगातार प्रहार किया। कहा कि जिस दिन नीतीश-लालू की दोस्ती हुई उसी दिन बिहार में भाजपा की सरकार बन गई। अपने संबोधन में लालू के जंगलराज की चर्चा करते हुए कहा कि बिहार की जनता ने लालू को भैंस वाले का बेटा समझ मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया, किंतु वह खुद चारा खाने लगे। दुबारा जनता ने नीतीश कुमार पर विश्वास किया, किंतु नीतीश ने धोखेबाजी में इतना नाम कमाया कि उनकी चर्चा सारे देश में होने लगी। लालू-नीतीश को जला हुआ ट्रासफारमर बताते हुए कहा कि जले हुए ट्रासफारमर प्रकाश नहीं कर सकते। हमारे पास केंद्र में 11 हजार का वोल्ट का पावर है। बिहार को हम नकली दवा नहीं, अच्छी कंपनियों की दवा देंगे। बिहार में कोई रोग नहीं रह जाएगा।

सिताबदियारा आकर लालू ने कभी नहीं किया जेपी को याद : अनंत

कर्नाटक से पधारे केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि जेपी के नाम पर राजनीति में पधारे लालू प्रसाद ने कभी भी उनकी जन्मस्थली सिताबदियारा में आकर जेपी को नमन करने का काम नहीं किया। हम कर्नाटक से हैं, फिर भी यह संकल्प लिया है कि आजीवन प्रतिवर्ष 11 अक्टूबर को जेपी को नमन करने उनके गाव आएंगे। आज नीतीश कुमार भी बिहार में वोट मागने में व्यस्त हैं, उन्हें भी जेपी कहा याद हैं। चुटकी लेते हुए कहा कि वह इंदिरा जी की जयंती में जरूर शामिल हो जाते, जेपी से उन्हें क्या मतलब। जेपी तो बस उनकी राजनीति के आधार हैं। इस मौके पर सभी विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ यहा पहुंचे थे। सभा को सासद वीरेंद्र सिंह मस्त, सासद भरत सिंह, बीकानेर के सासद अर्जुन मेघवाल, महाराजगंज सासद जर्नादन सिंह सिग्रीवाल, प्रदेश अध्यक्ष मंगल पाडेय, बब्बन वर्मा, महेंद्र पाडेय, डा. सीएन गुप्ता, जनक सिंह, हम के ललन सिंह, उपेंद्र तिवारी, एमएलसी ई. सच्चिदानंद राय, विनय सिंह, कामेश्वर सिंह, छोटे लाल राय, दिनेशचंद ठाकुर सहित दर्जनों लोगों ने भी संबोधित किया।

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