एमभीआइ पर हमला मामले में एक गिरफ्तार

समस्तीपुर। ताजपुर में एमभीआइ पर हमला मामले में पुलिस वीडियो फूटेज के आधार पर एक युवक क ताजपुर में एमभीआइ पर हमला मामले में पुलिस वीडियो फूटेज के आधार पर एक युवक को गिरफ्तार कर लिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Mar 2017 03:01 AM (IST) Updated:Sun, 19 Mar 2017 03:01 AM (IST)
एमभीआइ पर हमला मामले में एक गिरफ्तार
एमभीआइ पर हमला मामले में एक गिरफ्तार

समस्तीपुर। ताजपुर में एमभीआइ पर हमला मामले में पुलिस वीडियो फूटेज के आधार पर एक युवक को गिरफ्तार कर लिया। बताया जाता है कि उक्त युवक की संलिप्तता एमभीआइ की गाड़ी को क्षतिग्रस्त करने में थी। गिरफ्तार युवक चकमोतीपुर का कपिल कुमार बताया जाता है। अन्य लोगों की गिऱफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। पुलिस ने एमभीआई राकेश रंजन की रिवाल्वर व तीन जिन्दा कारतूस तथा तीन खोखा जप्त कर लिया है। ट्रक चालक विपिन चौधरी को पुलिस ने जेल भेज दिया। मालूम हो कि कल शुक्रवार को ट्रक जांच के क्रम में चालक द्वारा एमभीआइ को ट्रक लुटेरा कह कर अफवाह फैलाया गया। इसी अफवाह में स्थानीय लोगों ने एमभीआइ राकेश रंजन समेत तीन लोगों को बुरी तरह पिटाई कर उसके बोलेरो में आग लगा दी थी। एमभीआइ द्वारा आत्मरक्षा हेतु तीन राउंड फाय¨रग भी की गई थी। क्षेत्र में इस कांड की जबरदस्त चर्चा हो रही है। आखिर ताजपुर की इस धरती पर यह अजूबा घटना घटी कैसे। यह बात हर चौक चौराहों पर हो रही है। कुछ लोग यह भी जानना चाह रहे है कि आखिर एमभीआइ बिना सुरक्षा बल के वाहन चे¨कग क्यों कर रही थी। वे खुद वर्दी में क्यों नहीं थे। अकेले एक पदाधिकारी वो भी निजी वाहन से कैसे वाहन चे¨कग कर रहे थे। स्थानीय थाना को बिना सूचना दिए और बिना सुरक्षा बल के वाहन चेक करना क्या उचित था। ऐसे ढेरों सवाल चौक चौराहों पर उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर एमभीआइ पदाधिकारी सुरक्षा बल के साथ खुद वर्दी में सरकारी गाड़ी से रहते तो शायद ऐसी घटना नहीं घटती। आए दिन एनएच 28 पर ट्रक लूट की घटना घटती रहती है। उस दिन भी एनएच 28 पर जिस तरीके से ट्रक को ओवरटेक कर के सिविल ड्रेस में रिवाल्वर के साथ ट्रक को रोका गया। स्वाभाविक है कि पब्लिक उसे अपराधी ही समझेगा ही। इसी कारण इतनी बड़ी घटना घट गई। कई वाहन चालकों का तो यह भी कहना है कि एमभीआइ बन कर कई बार अपराधी गाड़ी लूट चुके हैं। या फिर ओवर लो¨डग के नाम पर गाड़ी वाले से मोटी रकम भी वसूल लेते हैं। लोगों का कहना है कि एमभीआइ पदाधिकारी बिना वर्दी व बिना सुरक्षा बल के वाहन जांच न करे। साथ ही जब भी जांच करे सरकारी वाहन से करें। ताकि लोगों को फर्जी और ओरिजनल में फर्क पता चल जाए। भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावर्ती न हो।

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