राजधर्म का पालन राजा का परम कर्तव्य

समस्तीपुर। शाहपुर पटोरी प्रभु श्रीराम की कथा के श्रवण मात्र से मन के सारे पाप धूल जाते हैं। ईश्वर की भक्ति ही हमें सन्मार्ग पर चलने की लिए प्रेरित करता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Mar 2019 11:05 PM (IST) Updated:Mon, 25 Mar 2019 11:05 PM (IST)
राजधर्म का पालन राजा का परम कर्तव्य
राजधर्म का पालन राजा का परम कर्तव्य

समस्तीपुर। शाहपुर पटोरी, प्रभु श्रीराम की कथा के श्रवण मात्र से मन के सारे पाप धूल जाते हैं। ईश्वर की भक्ति ही हमें सन्मार्ग पर चलने की लिए प्रेरित करता है। उक्त बातें अयोध्या से आये कथावाचक पारसमणि जी महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने मर्यादा की पराकाष्ठा को स्थापित किया। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि राजधर्म का पालन राजा का परम कर्तव्य है। ताज कभी भी अन्याय और अत्याचार का साथ नहीं दे सकता। शिउरा में आयोजित 9 दिवसीय रामकथा ज्ञान महायज्ञ में कथावाचक ने सोमवार को शिव विवाह का वर्णन कर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। कथा व्यवस्थापक राघव दास जी महाराज ने बताया कि इस परिसर में भगवान श्री राम का पावन जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। 01 अप्रैल तक चलने वाले इस राम कथा ज्ञान महायज्ञ में मुख्य यजमान सुनील सिंह, राजेश कुमार सिंह, रवीश कुमार सिंह, दुर्गेश वर्मा, राजा बाबू, सुजीत सुमन, रजनीश पोद्दार, धीरज कुमार, चंद्रिका साह, भूषण प्रसाद, सत्येंद्र पोद्दार, नवीन कुमार, ओम सिंह, जवाहर चौधरी, वीर चंद्र महतो, पिटू पोद्दार, पूर्ण साह, मुरारी साह आदि उपस्थित थे। कथावाचन के दौरान आचार्य राम नारायण तिवारी द्वारा भक्ति गीत प्रस्तुत किये जा रहे है। उनके साथ राम सुमिरन दास, श्रीकांत मिश्रा, मुकेश शुक्ला, पिटू कुमार, चंदेश्वर राय, मणिराम दास जी विभिन्न वाद्ययंत्रों पर संगत कर रहे है। इस यज्ञ के लिए निकाली गई कलश यात्रा से पूरी शिउरा का माहौल भक्तिमय हो गया है। इस यज्ञ के कारण पूरे शिउरा गांव का माहौल राममय हो गया है। दूर-दराज से लोग रामकथा को सुनने के लिए पंडाल में पधार रहे हैं। कथा यज्ञ स्थल पर कई देवी देवताओं की आकर्षक प्रतिमाएं भी लगायी गई है।

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