जेई-एईएस, हीट वेव व कोरोना की तीसरी लहर से निबटने के लिए तैयार हो रहा सदर अस्पताल
समस्तीपुर। सदर अस्पताल में इन दिनों जैपनिज इंसेफ्लाइटिस (जेई) व एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिड्रोम (एईएस)
समस्तीपुर। सदर अस्पताल में इन दिनों जैपनिज इंसेफ्लाइटिस (जेई) व एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिड्रोम (एईएस) के संभावित मरीजों के साथ कोरोना की तीसरी लहर से निबटने के लिए तैयारी की जा रही है। अस्पताल के वार्डों को पूरी तरह से दुरुस्त कर लिया गया है, ताकि किसी भी तरह की विषम परिस्थिति आने पर उससे निबटा जा सके। संभावित विभिन्न तरह की बीमारियों के प्रकोप की आशंका को देखते हुए अस्पताल के वार्ड में बेडों तक पाइपलाइन के माध्यम से ऑक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था कर दी गई है। इसके साथ ही जिन वार्डों के बेडों पर पाइपलाइन नहीं पहुंची है, वहां काम किया जा रहा है। प्रशासन ने अस्पताल प्रबंधन को जेई-एईएस, हीट वेव व कोरोना महामारी की तीसरी लहर को देखते हुए अस्पताल में मरीजों के लिए व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। इसके बाद यहां अस्पताल प्रशासन तैयारी में जुट गया है। मरीज को बेवजह रेफर के बजाए उपचार का निर्देश
एईएस मरीज को एसओपी 2021 के अनुसार इलाज करते हुए स्टेबलाइज करने, आवश्यकता पड़ने पर ही रेफर करने एवं रेफर किए गए मरीज को इलाज संबंधी विवरण तथा रेफर की सूचना वाट्सएप ग्रुप पर डालने की ताकीद की गई। सभी अस्पतालों में एईएस मरीजों के लिए दो बेड सुरक्षित रखे जाने एवं आवश्यक दवाओं तथा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया। बारिश के बाद जल जनित बीमारियों के बढ़ने की आशंका
तूफान के बाद मौसम में बदलाव की वजह से पिछले दिनों भारी बारिश हुई थी। इस कारण जिले में जल जनित रोगों की संभावना की बढ़ सकती है। इसके बाद यह मौसम मच्छरों के लिए अनुकूल भी हो गया है। इस वजह से मच्छर जनित बीमारियों की संभावना भी बढ़ सकती है। बारिश के बाद जल जमाव के कारण डेंगू व मलेरिया होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे में सतर्क रहने की आवश्यकता है। वर्जन
अस्पताल प्रशासन की ओर से हर संभव कोशिश की जा रही है कि यहां पहुंचने वाले मरीजों को बेहतर सुविधा मिले। इसके लिए वार्डों में विभिन्न तरह की सुविधाएं बढ़ाई गई है। जेई-एईएस व कोरोना की तीसरी लहर में अगर यहां मरीज आते है, तो उन्हें इलाज की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता
सिविल सर्जन, समस्तीपुर।