राहत शिविर में भी आधा पेट ही भोजन

मोहनपुर भरपेट खाने मिल जाने की उम्मीद लेकर राहत शिविर में शरण लेने वालों की नियति भी कुछ अजीब है।

By Edited By: Publish:Sat, 27 Aug 2016 12:24 AM (IST) Updated:Sat, 27 Aug 2016 12:24 AM (IST)
राहत शिविर में भी आधा पेट ही भोजन

समस्तीपुर। मोहनपुर भरपेट खाने मिल जाने की उम्मीद लेकर राहत शिविर में शरण लेने वालों की नियति भी कुछ अजीब है। उन्हें दिन के एक से दो बजे तक भूखे पेट भोजन की ओर टकटकी लगाये रहना पड़ता है। मोहनपुर प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे प्रत्येक शिविर में बाढ़ - पीड़ितों को सुबह का नाश्ता नहीं मिलता। अलबत्ता देर से भोजन भी मिलता है तो भरपेट नहीं। भोजन की गुणवत्ता की बात ही छोड़िए। पीड़ितों को कभी खिचड़ी तो कभी भात - दाल ही खाकर संतोष करना पड़ता है। सब्जी के नाम पर किसी दिन आलू के एक - दो फांक मिल गए तो पीडित अपने को भाग्यशाली समझने लगते हैं। कुछ ऐसा ही हाल बाढ़ के पानी में अपने घर के अंदर छत, छप्परों व मचानों पर सिमटे लोगों का है। उनलोगों तक राहत पहुंचने की जानकारी उन्हें पिछले पिछले दिनों से मिल रही है। पर बाढ़ के बीच छह दिन रहने के बाद भी उनतक राहत सामग्रियां नही पहुंच पाई है। शुक्रवार को कुछ पंचायतों में राहत का चिउरा और गुड़ पहुंच गया है। मोहनपुर सीओ ने राहत का चिउरा व गुड़ का वितरण करने का जिम्मा अब हरेक पंचायत के मुखिया के हवाले कर दिया है। बघड़ा के चंदेश्वर ¨सह का कहना है कि चुड़ा व गुड़ के नाम पर मात्र खानापूरी की जा रही है। बघड़ा मे आधे कटोरे ही चिउरा का वितरण होता है वह भी खास - खास लोगों के बीच ही। जलालपुर की बेबी देवी ने बताया कि घर में पानी और खुले में रहने के बावजूद उसे वर्षा व धूप से बचने के लिए पन्नी नहीं दिया गया। वहीं सूखे में रहने वाले लोगों के बीच पन्नी का वितरण किया गया है।

गंगा के जलस्तर में कमी के बावजूद अब भी बाढ़ की विभीषिका से संपूर्ण प्रखंडवासी त्रस्त हैं। बाढ़ की विनाशलीला लगातार जारी है। बाढ़ से घिरे कच्चे व पक्के मकानों के गिरने की जानकारी लगातार मिल रही है। बाढ़ के बीच फंसे लोग नारकीय जीवन जीने को विवश हैं। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल दल¨सहसराय के मोहनपुर स्थित सरारी कैंप से मिली जानकारी के अनुसार विगत 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में मात्र 13 सेमी की कमी आयी है। शुक्रवार के तीन बजे गंगा का जलस्तर 4807 सेमी पर बह रहा था। यह जलस्तर खतरे के निशान से 257 सेमी ऊपर है। महनार - मोहीउद्दीन नगर पथ पर बोथ - नाला डायवर्सन टूटा बाढ़ के पानी का बहाव सड़क के नीचे से हो जाने कारण महनार - मोहीउद्दीन नगर पथ पर बोथ - नाला का डायवर्सन टूट गया है। डायवर्सन के टूट जाने के बाद इस पथ पर आवागमन के परिचालन को रोक दिया गया है। साइकिल व बाइक सवार व्यक्ति इस डायवर्सन के निकट टूटे हुए पूल पर से होकर जोखिम भरी यात्रा करने लगे हैं। वहीं तिपहिया व अन्य वाहन इससे होकर आना - जाना बंद कर दिया है। इस पथ के टूट जाने से पटोरी की ओर से आने - जाने का रास्ता बिल्कुल बंद होगया है। बैं¨कग सेवा भी हुआ बंद बाढ़ के कारण मोहनपुर प्रखंड के पश्चिमी भू - भाग में बैं¨कग सेवा भी पूर्णत: बाधित हो गया है। बाढ़ के पानी का सड़क के ऊपर से बहने के कारण ठप्प हुई आवागमन के कारण यह सेवा बाढ़ - पीड़ितों के लिए उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। पश्चिमी क्षेत्र में अवस्थित यूनयिन बैक आफ इंडिया, स्टेट बैंक आफ इंडिया की मोहनपुर शाखा व बिहार ग्रामीण बैंक बघड़ा शाखा में ताला लटक रहा है।

राहत कार्य में उत्साह दिखा रहे समाजसेवी

बाढ़ पीड़ितों के बीच अपने निजी कोष से राहत वितरण का कार्य करने में समाजसेवी उत्साह दिखा रहे हैं। शुक्रवार को डुमरी उत्तरी व दक्षिणी पंचायत में उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय शाहपुर उण्डी के सौजन्य से बाढ़

- पीड़ितों को भोजन के लिए सूखे खाद्यान्न उपलब्ध कराये गए। वहीं बेरी बिशनपुर पंचायत में जिला पार्षद अध्यक्ष प्रेमलता की ओर से राहत किट का वितरण भाजयूमो नेता राजकपूर ¨सह के द्वारा किया गया है। वहीं बाढ़ पीड़ितों की सहायता व मदद करने में बेरी के मनोज कुमार ¨सह, ¨पटु ¨सह, जौनापुर के सुभाष ¨सह आदि की उल्लेखनीय भूमिका देखी जाती है।

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