बिहार विधानसभा चुनाव : महागठबंधन के गढ़ में महासंग्राम

समस्तीपुर जिले में दोनों गठबंधनों (राजग और महागठबंधन) का कड़ा इम्तिहान हो रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने आठ अक्टूबर को यहां बड़ी रैली करके हवा का रुख राजग के पक्ष में मोडऩे की कोशिश की, तो महागठबंधन भी अपना यह गढ़ बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Sun, 11 Oct 2015 01:27 PM (IST) Updated:Sun, 11 Oct 2015 01:36 PM (IST)
बिहार विधानसभा चुनाव : महागठबंधन के गढ़ में महासंग्राम

समस्तीपुर [सुभाष पांडेय]। समस्तीपुर जिले में दोनों गठबंधनों (राजग और महागठबंधन) का कड़ा इम्तिहान हो रहा है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने आठ अक्टूबर को यहां बड़ी रैली करके हवा का रुख राजग के पक्ष में मोडऩे की कोशिश की, तो महागठबंधन भी अपना यह गढ़ बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। यहां राजग के दो बड़े नेताओं रामविलास पासवान और उपेंद्र कुशवाहा की प्रतिष्ठा दांव पर है, जिसे बचाने के लिए भाजपा नेतृत्व एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है।

सामाजिक समीकरण के लिहाज से समस्तीपुर महागठबंधन का सबसे मजबूत गढ़ है। एम-वाई समीकरण के साथ-साथ कुछ पॉकेट में कुर्मी वोट बैंक के कारण महागठबंधन के लिए यह उर्वर इलाका माना जा रहा है। महागठबंधन ने यहां टिकट भी बहुत होशियारी से बांटे हैं। सरायरंजन से मंत्री विजय कुमार चौधरी, कल्याणपुर से लोकसभा चुनाव में समस्तीपुर से प्रत्याशी रहे महेश्वर हजारी, उजियारपुर में यहां से लोकसभा प्रत्याशी रहे आलोक कुमार मेहता और रोसड़ा से कांग्रेस नेता अशोक राम को मैदान में मौजूदगी के कारण मुकाबले खासे दिलचस्प दिख रहे हैं।

उधर, भाजपा ने सीटों के बंटवारे में कल्याणपुर, वारिसनगर और विभूतिपुर लोजपा तथा उजियारपुर और हसनपुर सीटें रालोसपा को दी हैं। जाहिर है कि जिले की आधी सीटों पर उसके सहयोगी दलों के प्रत्याशी मैदान में हैं। वारिसनगर में लोजपा ने चंदेश्वर राय को लालू प्रसाद के वोट बैंक में सेंधमारी की रणनीति के तहत टिकट दिया। इसी तरह रालोसपा ने हसनपुर से विनोद चौधरी को प्रत्याशी तो बना दिया, यद्यपि मोरवा के निवासी होने की वजह से उन्हें बाहरी होने का दंश झेलना पड़ रहा है।

भाजपा ने भी यहां पर टिकट देने में कई प्रयोग किए। कहीं उसके प्रयोग सफल होते दिख रहे, तो कहीं इसका उल्टा असर भी दिख रहा है। कुशवाहा बहुल आबादी वाले इस जिले में पूर्व मंत्री रेणु कुशवाहा को समस्तीपुर से टिकट देकर उसने राजद के अख्तरुल इस्लाम शाहीन को कड़ी चुनौती दी है, वहीं बगल की सीट मोरवा से सुरेश राय को उम्मीदवार बनाकर समीकरण बनाने की कोशिश की है। उधर, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी के खिलाफ उसी बिरादरी का उम्मीदवार उतारकर भाजपा ने मुकाबले को कांटे का बना दिया है। मोहिउद्दीनगर में उपचुनाव के अपने प्रत्याशी को बदलकर भाजपा ने एक और प्रयोग किया है, यद्यपि बागी प्रत्याशी राजेश कुमार सिंह पार्टी के लिए सिरदर्द बन गए हैं।

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