आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका ने समाहरणालय पर किया उग्र प्रदर्शन

सहरसा। आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका को सरकारी कर्मचारी का का दर्जा देने भुगतान के लिए ड

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Aug 2020 05:23 PM (IST) Updated:Wed, 19 Aug 2020 05:23 PM (IST)
आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका ने 
समाहरणालय पर किया उग्र प्रदर्शन
आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका ने समाहरणालय पर किया उग्र प्रदर्शन

सहरसा। आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका को सरकारी कर्मचारी का का दर्जा देने, भुगतान के लिए डीबीटी सिस्टम को नियमित लागू रखने समेत पांच सूत्री मांगों के समर्थन में बुधवार को सेविका-सहायिका संघ ने समाहरणालय पर उग्र प्रदर्शन किया। सुपर बाजार से जुलूस की शक्ल में सैंकड़ों की संख्या में सेविका- सहायिका नारेबाजी करते हुए शहर के विभिन्न मार्गों का भ्रमण कर समाहरणालय पहुंची। समाहरणालय स्थित मुख्यद्वार के अलावा इंदिरा चौक को चारों ओर से घेरा बनाकर इनलोगों ने लगभग डेढ़ घंटे तक सड़क जामकर आवागमन बाधित रखा। सेविका-सहायिका के प्रदर्शन के कारण लॉकडाउन और शारीरिक दूरी व्यवस्था की पूरी तरह से धज्जियां उड़ गई।

जिलाध्यक्ष गुड़िया कुमारी और जिलामंत्री रीता देवी के नेतृत्व में सेविका व सहायिकाओं ने कहा कि हमलोग कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के कारण सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम का पूर्ण समर्थन करते हैं। इस क्रम में हमारे कई सहयोगियों की जान चली गई, बावजूद इसके सेविका- सहायिका अपनी क्षमता के अनुसार सरकार के कदम से कदम मिलाकर कार्य कर रही हैं। कार्य के दौरान जहां कुछ समस्याएं कुछ व्यवहारिक कठिनाइयां उत्पन्न हो रही है, वहीं जीविका और अस्तित्व को लेकर पूर्व से ही संकट बरकरार है। इनलोगों ने सरकार ने सेविका को वर्ग तीन और सहायिका को वर्ग चार में समायोजित करने की मांग की। प्रदर्शन का समर्थन करते हुए राजद विधायक अरुण कुमार ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सबसे अधिक महिलाओं पर जुल्म हुआ है। कहा कि सेविका- सहायिका की मांग पूरी तरह जायज है। इनलोगों से दिन- रात कड़ी मेहनत का काम लिया जाता है, परंतु जीने लायक राशि नहीं मिलती। विधायक ने कहा कि अगर विधानसभा चुनाव के बाद उनकी सरकार बनेगी, तो केबिनेट की पहली बैठक में सेविका- सहायिका को सरकार कर्मचारी का दर्जा दिए जाने का निर्णय लिया जाएगा। प्रदर्शनकारियों के शिष्टमंडल द्वारा जिलाधिकारी को मांगों से संबंधित ज्ञापन समर्पित किया गया। मांगपत्र के माध्यम से पोषाहार नहीं रहने के बावजूद बच्चों की उपस्थिति बनाने का दबाव, मोबाइल रिचार्ज कराए बिना मोबाइल पर कार्य करने का दबाव बंद करने, वर्षों से आंगनबाड़ी केन्द्र के बकाया किराया का भुगतान करने, अन्नप्राशन, गोद भराई व विभिन्न प्रकार के सर्वेक्षण मद में बकाया प्रोत्साहन राशि के भुगतान की मांग की गई। मौके पर कहरा प्रखंड अध्यक्ष सीमा कुमारी, सिमरीबख्तियारपुर की नुरूला नेहा, सौरबाजार की कंचन कुमारी, सोनवर्षा की लीला कुमारी, सलखुआ की रेखा कुमारी, महिषी की दीपमाला समेत सैकड़ों की संख्या में सेविका- सहायिका मौजूद रही।

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