वाहन चलाने के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल मौत को निमंत्रण
सहरसा। लगातार हादसे हो रहे हैं। लोगों की जान जा रही है या लोग अपंगता का शिकार हो र
सहरसा। लगातार हादसे हो रहे हैं। लोगों की जान जा रही है या लोग अपंगता का शिकार हो रहे हैं। इन हादसों के पीछे कहीं कहीं से हेडफोन व मोबाइल भी एक वजह बन रहा है। इसके बावजूद लोग वाहन चलाते समय इसका प्रयोग करने से बाज नहीं आ रहे हैं। जबकि यातायात नियमों में इयरफोन व मोबाइल का प्रयोग भी प्रतिबंधित माना जाता है।
वाहन चलाते समय या फिर सड़क पर पैदल चलते समय मोबाइल व हेडफोन का प्रयोग करने से यह समझ में नहीं आता कि पीछे से कौन सा वाहन आ रहा है और वह हॉर्न दे रहा है या नहीं। यही नहीं व्हाट्सएप व फेसबुक पर लगे रहने के कारण ध्यान मोबाइल पर रहता है जो दुर्घटना को आमंत्रित करता है। यह लापरवाही व अनदेखी हादसे का सबब बन रही है। तेज आवाज में नहीं बजाएं म्यूजिक चार पहिया वाहन चलाते समय तेज आवाज में म्यूजिक का प्रयोग नहीं करना चाहिए। कानफोड़ू म्यूजिक के चलते पीछे से आ रहे वाहनों की स्थिति का पता नहीं चल पाता। यदि कोई हॉर्न बजाकर ओवरटेक कर रहा है और तेज म्यूजिक में गाने बजाए जा रहे हैं तो पीछे से आ रहे वाहनों के बारे में जानकारी नहीं हो पाती है और हादसा हो जाता है। सह यात्रियों से नहीं करें बातचीत चार पहिया वाहन हो या फिर दो पहिया गाड़ी सफर के दौरान सहयात्री से बातचीत नहीं करना चाहिए। इससे चालक का ध्यान दूसरी ओर केंद्रित हो जाता है। अक्सर ऐसी परिस्थिति में भी हादसे होते रहते हैं। बातचीत के दौरान चालक दूसरी तरफ ध्यान देने लगता है। ऐसे में सामने से या फिर पीछे से आ रहे वाहनों के बारे सटीक निर्णय नहीं ले पाता और हादसा हो जाता है। जुर्माने का है प्रावधान गाड़ी चलाते समय हेडफोन या फिर मोबाइल का प्रयोग करते पकड़े जाने पर कार्रवाई का भी प्रावधान है। केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली के तहत धारा 177 एमवी एक्ट में वाहनों का चालान किया जाता है। साथ ही पहली बार पकड़े जाने पर 100 रुपये या फिर दूसरी और इससे अधिक बार पकड़े जाने पर 300 रुपये जुर्माना वसूल किया जाता है।