प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत काफी कम लोगों को मिला काम

पूर्णिया। कोविड-19 के दौरान प्रवासी मजदूरों को अपने ही क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराने हेत

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Sep 2020 07:53 PM (IST) Updated:Tue, 22 Sep 2020 07:53 PM (IST)
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत काफी कम लोगों को मिला काम
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत काफी कम लोगों को मिला काम

पूर्णिया। कोविड-19 के दौरान प्रवासी मजदूरों को अपने ही क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराने हेतु प्रधानमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लागू की गई लेकिन इसका समुचित लाभ श्रमिकों को नहीं मिल पाया है। तटवासी समाज न्यास संस्था द्वारा किए सर्वे में काफी कम लोगों को इसका लाभ मिलने की बात सामने आई है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को मनरेगा अंतर्गत 125 दिनों का काम मुहैया कराना है। इस योजना के तहत कामगारों को उनकी दक्षता के हिसाब से 25 तरह का काम दिया जाना है। इसके तहत ग्रामीण आवास, ग्रामीण सड़क, पौधारोपण, जल जीवन हरियाली, बागवानी आदि योजना शामिल हैं। तटवासी समाज न्यास के जिला समन्वयक राजेश मेहता ने बताया कि उनकी टीम ने पूर्णिया जिले के पांच गांवों में सर्वे किया गया है। पूर्णिया पूर्व के विभिन्न पंचायतों में सिर्फ 15 फीसद प्रवासी श्रमिकों को ही मनरेगा के तहत जॉब मिलने की बात सामने आई। सर्वे में यह सामने आया है कि 60 से 70 प्रतिशत तक श्रमिकों के पास जॉब कार्ड उपलब्ध हैं, लेकिन उन्हें मनरेगा के तहत कुछ दिनों का ही काम मिला है। कई श्रमिकों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत काम मिलने की प्रक्रिया की जानकारी तक उपलब्ध नहीं थी।

जिले के पांच गांवों में सर्वे में ग्रामीणों से बातचीत में 20 प्रतिशत ऐसे परिवार मिले जिनके पास न राशन कार्ड है और न ही उन्हें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के बारे में जानकारी। इस कारण उन्हें रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए वापस पलायन करना पड़ रहा है। इस क्षेत्र के 40 प्रतिशत परिवार विभिन्न शहरों के लिए पलायन कर चुके हैं। 40 प्रतिशत ऐसे परिवार हैं जो इस कोरोना महामारी के दिनों में दस हजार से लेकर तीस हजार तक का लोन चार से 10 प्रतिशत की दर से महाजन से लिया है। 15 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्होंने राशन कार्ड के लिए आवेदन दिया था लेकिन अभी तक उनके पास उनका राशन कार्ड नहीं पहुंच पाया है।

सर्वे के मुताबिक 25 प्रतिशत प्रवासी मजदूरों के पास अपना जॉब कार्ड है और महज 5 प्रतिशत मजदूरों को बहुत कम दिनों का काम मिल पाया है। काम कराये गए 5 प्रतिशत मजदूरों को अभी भी पूरा भुगतान नहीं मिल पाया है।

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