बरसात में बढ़ जाती है सर्पदंश की घटनाएं
पूर्णिया: बरसात का मौसम आते ही सांपों का आतंक बढ़ जाता है। बरसात में सर्पदंश की घटनाएं
पूर्णिया: बरसात का मौसम आते ही सांपों का आतंक बढ़ जाता है। बरसात में सर्पदंश की घटनाएं कई गुना बढ़ जाती है।
विदित रहे कि जनवरी में तीन मामले हुए। लेकिन मार्च माह में 23 घटनाएं हुई। मई में 41 और जून में 86 सर्पदंश के मामले प्रकाश में आए हैं। सदर अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों में एएसवीएस की दवा उपलब्ध होने का दवा अस्पताल प्रबंधन कर रहा है। अस्पताल समय पर पहुंचने के बाद मरीज के बचने की संभावना काफी बढ़ जाती है। सर्पदंश से होने वाली मौतों में समय पर इलाज मिल जाए तो मरीज की जान बच सकती है। बारिश के दिनों में बिल में पानी चले जाने के कारण और गर्मी के कारण सांप बाहर निकलते हैं और लोग उसके शिकार होते हैं। जनवरी 2018 से लेकर जून तक सबसे अधिक सदर अस्पताल में 49 मरीज पहुंचे जिसमें आठ मरीजों की मौत हो गई। कसबा में 38 मरीज और रूपौली में 38 मरीज सांप काटने के बाद पहुंचे थे। रूपौली और कसबा दो प्रखंडों में सर्पदंश की घटनाएं अधिक होती हैं। इस संबंध में डॉक्टर का कहना है कि अगर समय मरीज को उपचार शुरू हो जाए तो बचने की संभावना बढ़ जाती है। अगर सर्पदंश के निशान और वहां पर जलन महसूस हो तो तुरंत स्वास्थ्य केंद्र पहुंचना चाहिए अन्य किसी घरेलू उपचार की चक्कर में नहीं फंसना चाहिए। एएसवीएस की दवा अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। जिला ड्रग स्टोर में 680 एएसवीएस उपलब्ध है।
प्रखंडवार दवा और सर्फ दंश के मामले-
अस्पताल-- सर्फदंश की घटनाएं उपलब्ध एएसवीएस
सदर अस्पताल - 49 490
कसबा - 38 13
रूपौली - 25 70
जलालगढ़ 06 06
बी कोठी 05 50
बैसा 04 26
बायसी - 00 20
अमौर - 15 31
डगरूआ - 02 10
पूर्णिया पूर्व - 00 02
बनमनखी - 10 20
श्रीनगर - 00 16
भवानीपुर - 13 39
धमदाहा - 00 25
केनगर - 00 05
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सांप काटने के बाद तुरंत क्या करें :
डॉ एनके झा बताते हैं कि सांप काटने के बाद तुरंत मरीज का अस्पताल पहुंचना चाहिए। जितनी जल्दी चिकित्सकीय इलाज प्रारंभ हो उतना अच्छा रहता है। मरीज को आराम की हालत में अस्पताल पहुंचाना चाहिए। मरीज अधिक चलने नहीं देना चाहिए। सांप द्वारा काटे हुए स्थान की सफाई कर लें कपड़ा या रस्सी से हल्का बांधे टाइट बांधने अन्य समस्या हो सकती है। मरीज सोने की कोशिश करे लेकिन सोने नहीं देना चाहिए।