Coronavirus Alert: कोरोना वायरस को ले विश्‍व धरोहर नालंदा खंडहर पर्यटकों के लिए बंद, बौद्ध भिक्षुओं ने की प्रार्थना

कोरोना वायरस को लेकर बिहार में चौकसी लगातार जारी है। इसे लेकर नालंदा खंडहर पर्यटकों के लिए 31 मार्च तक बंद कर दिया गया है। महाबोधि मंदिर को सेनेटाइज किया गया है। प्रार्थना की गई।

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Thu, 19 Mar 2020 05:46 PM (IST) Updated:Thu, 19 Mar 2020 05:46 PM (IST)
Coronavirus Alert: कोरोना वायरस को ले विश्‍व धरोहर नालंदा खंडहर पर्यटकों के लिए बंद, बौद्ध भिक्षुओं ने की प्रार्थना
Coronavirus Alert: कोरोना वायरस को ले विश्‍व धरोहर नालंदा खंडहर पर्यटकों के लिए बंद, बौद्ध भिक्षुओं ने की प्रार्थना

पटना, जेएनएन। कोरोना वायरस को लेकर बिहार में चौकसी लगातार जारी है। 31 मार्च तक सरकार से लेकर आम-अवाम तक किसी तरह की कोताही करने के मूड में नहीं है। बारीक से बारीक चीजों पर भी नजर रखी जा रही है। एशियाई बुद्धिस्ट कांफ्रेंस फॉर पीस के बैनर तले बांग्लादेश मोनास्ट्री में विशेष प्रार्थना हुई। कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए बौद्ध भिक्षुओं ने प्रार्थना की। भारत सहित कई देशों की मोनास्ट्री के प्रभारी भी शामिल हुए। उधर, विश्व धरोहर नालंदा विवि के भग्नावशेष व म्यूजियम 31 मार्च तक बंद कर दिए गए हैं। बिहार सरकार ने यह फैसला लिया है।

नालंदा से जेएनएन के अनुसार, बिहार में कोरोना वायरस अलर्ट को लेकर पुरातत्व विभाग ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष व म्यूजियम को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया। विवि के खंडहर के गेट पर बंदी की नोटिस चिपका दी गई है। नालंदा विवि के भग्नावशेष केंद्र सरकार के अधीन है। केंद्र सरकार से बंदी का निर्देश नहीं मिलने के कारण ये दोनों स्थल पर्यटकों के लिए खुले थे। जहां देश-विदेश के पर्यटकों की आवाजाही लग हुई थी। बंदी की जानकारी देते हुए सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद शंकर शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर केंद्र सरकार की सलाह और संस्कृति मंत्रालय व बिहार सरकार के निर्देश पर पुरातत्व संग्रहालय नालंदा एवं विवि के खंडहर को आगामी 31 मार्च तक पर्यटकों एवं आगंतुकों के लिए बंद किया गया है। नालंदा स्थित तेलिया भंडार मंदिर को भी मंगलवार से पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया।  

उधर, गया से जेएनएन के अनुसार, विश्वभर में कोहराम मचाने वाले कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यटनस्थल बोधगया में बुधवार को बौद्ध भिक्षुओं ने भगवान बुद्ध से प्रार्थना की। बौद्ध भिक्षुओं की यह प्रार्थना विश्व में मानवता का संदेश दे गई। एशियाई बुद्धिस्ट कांफ्रेंस फॉर पीस (एबीसीपी) के बैनर तले विशेष प्रार्थना बांग्लादेश मोनास्ट्री में आयोजित थी, जिसमें भारत, मंगोलिया, कोरिया, वियतनाम, कंबोडिया, लाओस, थाईलैंड, ताइवान, श्रीलंका, नेपाल व बांग्लादेश मोनास्ट्री के प्रभारी शामिल हुए। एबीसीपी के संयक्त सचिव सोनम वांगचुक व अशोक वांगडी ने बताया कि इस विपरीत परिस्थिति में शांति और अहिंसा की भूमि पर की गई प्रार्थना का परिणाम जल्द दिखेगा।

प्रार्थना के माध्यम से बौद्ध भिक्षुओं ने समस्त मानव जगत की रक्षा की प्रार्थना की। सभा में बांग्लादेश के 28वें संघनायक सुधानंद महाथेरो के निधन के बाद उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। तीन मार्च को उनका ढाका में निधन हो गया था। वे एशियाई बुद्धिस्ट कांफ्रेंस फॉर पीस के संरक्षक थे। उन्होंने कहा, गुरुवार को महाबोधि मंदिर में बौद्ध भिक्षुओं की ओर से पूजा-अर्चना के बाद एक और विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इतना ही नहीं, महाबोधि मंदिर को भी सेनेटाइज किया गया है। 

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