कौन होगा बिहार विधानसभा का 'चौधरी', जदयू, राजद के साथ ही इस पार्टी की भी है कुर्सी पर नजर

बिहार विधानसभा अध्‍यक्ष पद से विजय कुमार सिन्‍हा को हटाने की तैयारी तेज हो गई है। अब इस पद के लिए जदयू से विजय चौधरी तो राजद से अवध बिहारी चौधरी के नाम की चर्चा है। वहीं कांग्रेस के वीएस दुबे का नाम भी उछल रहा है।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Thu, 11 Aug 2022 07:00 AM (IST) Updated:Thu, 11 Aug 2022 04:02 PM (IST)
कौन होगा बिहार विधानसभा का 'चौधरी', जदयू, राजद के साथ ही इस पार्टी की भी है कुर्सी पर नजर
बिहार विधानसभा का कौन होगा नया स्‍पीकर। सांकेतिक तस्‍वीर

सुनील राज, पटना। Bihar Politics: राज्य के नए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (CM Nitish Kumar and Deputy CM Tejashwi Yadav) ने बुधवार को शपथ ले ली। नीतीश कैबिनेट (Nitish Cabinet) के मंत्रियों का नाम भी फाइनल हो रहा है, लेकिन विधानसभा के नए अध्यक्ष (Bihar Assembly Speaker) कौन होगा, इसका फैसला होना अभी बाकी है। सब जानना चाहते हैं कि आखिर नीतीश कुमार के आठवें कार्यकाल में विधानसभा का नया "चौधरी" कौन होगा।

अपने कोटे का अध्‍यक्ष पद चाहता है जदयू   

राजनीतिक गलियारे में यह कहा जा रहा है कि नीतीश की पार्टी जदयू की पहली कोशिश होगी कि अगला विधानसभा अध्यक्ष जदयू कोटे से हो। जदयू कोटे से एक बार फिर विजय चौधरी (Ex Speaker Vijay Kumar Chaudhary) को विधानसभा अध्यक्ष पद का जिम्मा दिया जा सकता है। विजय चौधरी के पास 16वीं विधानसभा को बतौर अध्यक्ष चलाने का अनुभव भी है। विजय चौधरी के नाम की चर्चा के बीच यह भी कहा जा रहा है कि राजद सबसे बड़ा दल होने के नाते इस पद के लिए अपना दावा कर सकता है। पिछली बार राजद की यह मंशा पूरी नहीं हो पाई थी।

तब अवध बिहारी चौधरी को राजद ने बनाया था प्रत्‍याशी  

2020 के विधानसभा चुनाव के बाद जब विधानसभा गठन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई तो राजद ने पार्टी के पुराने नेता और अवध बिहारी चौधरी को स्पीकर पद का दावेदार बनाया और मैदान में उतार दिया। तब हुए चुनाव में राजद प्रत्याशी को पराजय का सामना करना पड़ा था। राजद अब विधानसभा में सबसे बड़ा दल है और सत्ता हाथ में है, तो वह अध्यक्ष पद के लिए अवध बिहारी चौधरी के नाम का प्रस्ताव दे सकता है।

कांग्रेस भी स्‍पीकर पद की लालसा में 

दो बड़े दलों के बीच कांग्रेस भी अध्यक्ष पद का मोह छोड़ नहीं पा रही। वर्तमान में विधानसभा में कांग्रेस की ताकत महज 19 विधायकों की है। फिर भी पार्टी इस पद के लिए दावेदारी में पीछे नहीं रहना चाहती। कांग्रेस के तर्क हैं कि 2000 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 23  सीटों पर जीत दर्ज कराई बावजूद तत्कालीन राबड़ी देवी (Rabri Devi) की सरकार में कांग्रेस के अनुभवी नेता सदानंद सिंह विधानसभा के अध्यक्ष नियुक्त किए गए। उन्होंने सफलतापूर्वक अपने पांच वर्ष का कार्यकाल भी पूरा किया। 19 विधायकों वाली कांग्रेस विजय शंकर दुबे (Vijay Shankar Dubey) के नाम को आगे करने की जुगत में जुटी है। दुबे कांग्रेस के पुराने नेता हैं  और अब तक  पांच बार सदन के सदस्य रह चुके हैं। 

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