ये है भोजपुरी फिल्मों को हिट करने का फार्मूला, जानिए...

हिंदी फिल्मों के नाम पर भोजपुरी फिल्मों के निर्माण का चलन बढ़ा है। इससे भोजपुरी फिल्मों को हिट कराने में मदद मिलती है। इन दिनों चल रही भोजपुरी फिल्म बेटा ऐसी ही फिल्म है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Sun, 13 Nov 2016 10:19 AM (IST) Updated:Mon, 14 Nov 2016 11:06 PM (IST)
ये है भोजपुरी फिल्मों को हिट करने का फार्मूला, जानिए...
ये है भोजपुरी फिल्मों को हिट करने का फार्मूला, जानिए...

पटना [जेएनएन]। भोजपुरी अब केवल बिहार व पूर्वी यूपी तक सीमित नहीं रही। इसके प्रसार के साथ भाेजपुरी फिल्मों व गानों की मांग भी बढ़ी है। शायद ही कोई अवसर हो, जिसपर कोई भोजपुरी फिल्म या गाना रिलीज न होती हो। नोटबंदी हुई तो उसके अगले दिन से ही इसपर भोजपुरी गाने बाजार में आ गए। हाल ही में छठ के अवसर पर भोजपुरी फिल्म 'बेटा' रिलीज हुई, जो इन दिनों थियेटरों में चल रही है।

हालिया रिलीज भाजपुरी फिल्म 'बेटा' के नाम से आप कंफ्यूज न हों। इसका पुरानी हिंदी फिल्म 'बेटा' से कोई नाता नहीं है। दरअसल, भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में हिंदी की हिट फिल्मों के नाम पर फिल्में बनाने का चलन हो गया है। इंडस्ट्री के जानकार बताते हैं कि इससे भोजपुरी फिल्मों को हिट कराने में मदद मिलती है। निर्माता कानूनी नुक्तों का फायदा उठा कॉपीराइट के नियमों से भी बच जाते हैं।
अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित स्टारर हिंदी फिल्म 'बेटा' 1995 में आई थी। अब छठ के अवसर पर रिलीज भोजपुरी फिल्म 'बेटा' में दिनेश लाल निरहुआ और आम्रपाली दुबे हैं। दिनेश लाल निरहुआ भोजपुरी फिल्म स्टार हैं, जिनकी अधिकांश फिल्में आम्रपाली के साथ हिट रही हैं। दिनेश को 'बिग बॉस' शो के कारण पूरे देश में प्रसिद्धि मिल चुकी है।
इसके पहले भी कई हिंदी फिल्मों के नाम पर भोजपुरी फिल्में बन चुकी हैं।आइए देंखें कुछ उदाहरण...
- 2012 : हिन्दी फिल्म 'करन अर्जुन' (1995) के नाम पर भोजपुरी फिल्म 'आज के करन अर्जुन' 2012 में रिलीज हुई।
- 2015 : हिन्दी फिल्म 'प्यार झुकता नहीं' (1985) के नाम पर भोजपुरी फिल्म 'प्यार झुकता नहीं' 2015 में रिलीज हुई।
- 2016 : हिन्दी फिल्म 'राम लखन' (1989) के नाम पर भोजपुरी फिल्म 'राम लखन' 2016 में बनी।
भोजपुरी फिल्मों के प्रचारक उदय भगत के अनुसार हिन्दी फिल्मों के नाम से जुड़े नाम रखने का फायदा भोजपुरी फिल्मों को होता है। दर्शक पुराने नाम को जानते हैं, इसलिए फिल्म को हिट करने में मदद मिलती है। उनके अनुसार कानून के अनुसार अगर किसी फिल्म के नाम का 10 साल के बाद रिनुवल नहीं कराया जाए तो उस नाम पर फिल्म बनाने पर कॉपीराइट का मामला नहीं बनता है। फिल्मकार भाषाई आधार पर भी कॉपीराइट से बच जाते है।
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