इस मुस्लिम रामभक्त को प्रभु श्रीराम में दिखते पैगंबर मोहम्‍मद, पटना में बनवाया है हनुमान मंदिर

पटना के एक मुस्लिम रामभक्त मो. तमन्‍ना प्रभु श्रीराम में पैगंबर मोहम्‍मद को देखते हैं। वे इंसानियत को सबसे बड़ा धर्म मानते हैं। उन्‍होंने पटना में एक हनुमान मंदिर भी बनवाया है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Thu, 06 Aug 2020 09:41 AM (IST) Updated:Fri, 07 Aug 2020 03:00 PM (IST)
इस मुस्लिम रामभक्त को प्रभु श्रीराम में दिखते पैगंबर मोहम्‍मद, पटना में बनवाया है हनुमान मंदिर
इस मुस्लिम रामभक्त को प्रभु श्रीराम में दिखते पैगंबर मोहम्‍मद, पटना में बनवाया है हनुमान मंदिर

पटना, प्रभात रंजन। सियाराम मय सब जग जानी, करहुं प्रणाम जोरी जुग पानी...। पूरे संसार में भगवान श्रीराम का निवास है। हम सभी में भगवान हैं और हमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को हाथ जोड़कर प्रणाम करना चाहिए। श्रीराम सिर्फ हिंदुओं के ही नहीं, बल्कि संपूर्ण मानव जाति के ईश्वर हैं। वे हमारे लिए पैगंबर मोहम्‍मद के समान हैं। यह कहना है पटना के एक मुस्लिम रामभक्त मोहम्मद तमन्ना का। अयोध्‍या में श्रीराम मंदिर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन से वे बेहद खुश हैं। कहते हैं, 'भगवान राम ने हमारी विनती सुन ली।'

राम मंदिर शिलान्‍यास पर मंदिरों में जलाए दीपक

बिहार सरकार के पर्यटन विभाग में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी मोहम्मद तमन्ना की आस्था जितनी अपने धर्म के पैगंबर मोहम्मद साहब में है, उतनी ही हिंदू धर्म के आराध्य देव श्रीराम में है। अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का शिलान्यास होने पर तमन्ना ने भी बुधवार को पटना के सरपेंटाइन रोड स्थित खुद के बनाए हनुमान मंदिर तथा शिव मंदिर में राम के नाम के दीपक जलाए।

साल 1987 में बनवाया था हनुमानजी का मंदिर

मोहम्मद तमन्ना ने पटना के होटल कौटिल्य के सामने खुद की कमाई और चंदे से 1987 में हनुमानजी का मंदिर बनवाया था। मंदिर में तमाम श्रद्धालुओं के साथ वह खुद भी रोजाना पूजा करते हैं। मंदिर की साफ-सफाई करते हैं और दीये जलाते हैं। उन्होंने मंदिर के पास कन्या कुमारी से लाया पीपल का पौधा लगाया है, जो अब वृक्ष बन चुका है। मंदिर के निर्माण में केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम से लाए पत्थर लगाए हैं।

बोले- हम सभी इंसान, इंसानियत सबसे बड़ा धर्म

तमन्ना बताते हैं कि राम और रहीम में कोई अंतर नहीं है। मुस्लिम लोग जिस प्रकार रहीम से प्रेम करते हैं, उसी प्रकार वे राम से भी प्रेम करते हैं। राम का चरित्र अगर इंसान अपने अंदर उतार ले तो फिर समाज में जात-धर्म को लेकर कोई मनमुटाव नहीं होगा। देश की एकता बनी रहेगी। ऊपर वाले ने तो सबको इंसान बनाया है। धरती पर आकर हम धर्म और जाति में बंट गए हैं। सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है।

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