बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण को स्वयं जागरूक होने की जरूरत

देश में तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण सरकार चिंतित है

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 11:06 PM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 06:13 AM (IST)
बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण को स्वयं जागरूक होने की जरूरत
बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण को स्वयं जागरूक होने की जरूरत

पटना। देश में तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण न केवल सरकार चिंतित है, बल्कि अनुभवों के खजाना कहे जाने वाले बुजुर्ग भी इस समस्या को लेकर परेशान हैं। जनसंख्या का प्रभाव पर्यावरण से लेकर लोगों के जीवन पर भी पड़ा है। प्रकृति द्वारा प्रदत्त सीमित संसाधन का दोहन भी तेजी से हो रहा है। इन समस्याओं से निपटने के लिए सरकार और समाज के साथ स्वयं भी जागरूक होने की जरूरत है। दैनिक जागरण बागबान क्लब द्वारा आयोजित साप्ताहिक परिचर्चा के अंतर्गत मंगलवार को जागरण कार्यालय में बागबान क्लब के सदस्यों ने 'जनसंख्या नियंत्रण के उपाय' विषय पर अपने विचार व्यक्त किए।

........................ देश में बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए सरकार की ओर से कठोर कानून बनाया जाना चाहिए। इसके साथ ही स्वयं की मानसिकता को भी बदलने की जरूरत है।

अमरेंद्र ठाकुर शांडिल्य, शिवपुरी जनसंख्या विस्फोट हर चीजों को निगल रहा है। ऐसे में इस पर नियंत्रण करना अत्यंत आवश्यक है। अब लोगों को इसके प्रति जागरूक होने की जरूरत है।

रामसूर्य पांडेय, नेहरू नगर सरकार की ओर से कई वर्ष पहले जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनाने की बात हुई थी। इस दिशा में फिर से पहल कर इसे लागू करने की जरूरत है।

कृष्ण चंद्र प्रसाद, पुरंदपुर सरकार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कानून बनाए। जिसका प्रभाव लोगों के मानसिक स्तर पर भी पड़े। बढ़ती जनसंख्या के कारण हर चीज असंतुलित हो गई है।

डॉ. विमल कुमार सिंह, मखदुमपुर, दीघा समय रहते अगर जनसंख्या विस्फोट को नहीं रोका गया तो आने वाली पीढि़यों पर इसका दुष्प्रभाव पड़ेगा। प्रकृति का संतुलन बिगड़ने के कारण लोगों को काफी परेशानी होगी।

अरुण कुमार, सगुना मोड़ जनसंख्या पर अंकुश लगाने के लिए सरकार सख्त कानून पास करे। देश के ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में अनपढ़ लोगों को शिक्षित कर इसके दुष्परिणाम के बारे में अवगत कराना होगा।

भगवान राय, गोसाई टोला जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए स्वयं विचार करना होगा। बेटे-बेटी में भेद भुला उनमें अच्छे संस्कार देने की जरूरत है। नई पीढ़ी को भी इसके बारे में जागरूक करने की जरूरत है।

बीके सिंह, शास्त्री नगर जब तक अपनी सोच को नहीं बदलेंगे तब तक कुछ नहीं हो सकता। जनसंख्या विस्फोट से होने वाली परेशानी को निचले स्तर पर रहने वालों को इसके बारे में अवगत कराना होगा।

प्रो. डॉ. सुधा सिन्हा, बुद्धा कॉलोनी जनसंख्या नियंत्रण को लेकर युवा काफी सचेत हैं। महंगाई के कारण लोग इस विषय पर ध्यान दे रहे हैं। ग्रामीण स्तर पर भी जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है।

डॉ. शंकुतला ठाकुर, पुनाईचक पढ़े-लिखे लोगों में विषय को लेकर काफी जागरुकता आई है। लोग संयमित जीवन जीने में लगे हैं। वहीं अशिक्षित लोगों के बीच जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है।

कल्याणी कुसुम सिंह, पटेल नगर बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने की जरूरत है। जिस पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों को सोचना होगा। साथ ही शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य आदि विषयों पर ध्यान देने की जरूरत है। सभी धर्म और वर्गो के लोगों को सोचना होगा।

श्यामजी सहाय, अध्यक्ष, बागबान क्लब परिचर्चा के दौरान त्रैमासिक पत्रिका 'बागबान' का विमोचन क्लब के अध्यक्ष द्वारा किया गया। वहीं इस पर अशोक कुमार अग्रवाल, अशोक कुमार अग्रवाल, महेंद्र सिंह, रामशरण सिंह, प्रसन्न कुमार झा, सियाराम सिंह, रमेश चंद्र प्रसाद सिंह, राम सुजान सिंह, देव प्रसाद, सतीश कुमार, अरुण किशोर श्रीवास्तव, विमलेश कुमार, शिव चरण प्रसाद, शंभु नाथ पांडेय, सुनील कुमार सिन्हा ने विचार दिए।

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