Patna Nagar Nigam News: पटना में स्वीपिंग मशीन से होगी सभी प्रमुख सड़कों की सफाई, 75 वार्डों पर होगा कार्य

Patna Nagar Nigam News पटना नगर निगम इंदौर की तर्ज पर काम कराएगा। एक स्वीपिंग मशीन एक दिन में 30 से 35 किमी की सफाई की क्षमता रखती है। दस मशीनों की खरीद पर खर्च होने वाली राशि बिहार राज्य प्रदूषण पर्षद देने जा रहा है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 02:23 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 02:39 PM (IST)
Patna Nagar Nigam News: पटना में स्वीपिंग मशीन से होगी सभी प्रमुख सड़कों की सफाई, 75 वार्डों पर होगा कार्य
पटना के सभी 75 वार्डों की 12 फीट और इससे ज्यादा चौड़ी सड़कों की सफाई स्वीपिंग मशीन से कराई जाएगी।

पटना, जेएनएन। Patna Nagar Nigam News: शहर के सभी 75 वार्डों की 12 फीट और इससे ज्यादा चौड़ी सड़कों की सफाई पटना नगर निगम इंदौर की तर्ज पर कराएगा। एक स्वीपिंग मशीन एक दिन में 30 से 35 किमी की सफाई की क्षमता रखती है। दस मशीनों की खरीद पर खर्च होने वाली राशि बिहार राज्य प्रदूषण पर्षद देने जा रहा है। नगर निगम के पास छह मशीनें उपलब्ध हैं। दस मशीन किराए पर लेने की तैयारी है। इसके साथ वाटर स्प्रिंकलर मशीन की भी खरीदारी होगी। इससे सड़कों को पानी से साफ किया जाएगा। यह कार्य चालू वित्तीय वर्ष में धरातल पर उतारने की तैयारी है। 

मशीनों की खरीद का भार उठाएगा बिहार राज्य प्रदूषण पर्षद

बिहार राज्य प्रदूषण पर्षद शहर का प्रदूषण खत्म करने और धूलकण में कमी लाने के लिए मशीनों की खरीद का भार उठाएगा। इसके साथ पर्षद दस एंटी स्मॉग गन की खरीद पर भी खर्च वहन करेगा। पटना वायु प्रदूषण के मामले में पूरे देश में अव्वल रहा है। धूलकण की मात्रा अधिक रहने के कारण बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। प्रदूषण के कारण ही पटना में सांस रोग से जुड़े मरीज बढ़ते जा रहे हैं। महापौर सीता साहू ने कहा कि नगर निगम गीले व सूखे कचरे का अलग-अलग संग्रह करने जा रहा है। अपने कर्मचारियों को कचरा संग्रह और इससे उर्वरक व गैस बनाने के कार्य में लगाएगा। नगर निगम में 4300 दैनिक वेतनभोगी कर्मी, 2000 आउटसोर्स और 1600 स्थायी कर्मी हैं। यानी नगर निगम के पास सफाई कार्य के लिए 8900 कर्मचारी हैं। 

सभी मुख्य सड़कों व ब्रांच सड़कों की सफाई मशीन से होगी

महापौर के अनुसार शहर की सभी मुख्य सड़कों व ब्रांच सड़कों की सफाई मशीन से होने लगेगी। इसके साथ गलियों व मोहल्ले की सफाई व्यवस्था का भार निगम कर्मियों पर रह जाएगा। इससे पटना के स्व'छता क्षेत्र में बदलाव आएगा और प्रदूषण का स्तर भी कम होगा। 

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