बिहार में गहराने लगा बाढ़ का संकट, नदियों के जल-स्तर में वृद्धि

बीते कई दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण गंगा, गंडक, सरयू समेत सभी नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। सूबे में बाढ़ की आशंका गहरा गई है।

By Ravi RanjanEdited By: Publish:Fri, 14 Jul 2017 03:10 PM (IST) Updated:Fri, 14 Jul 2017 03:10 PM (IST)
बिहार में गहराने लगा बाढ़ का संकट, नदियों के जल-स्तर में वृद्धि
बिहार में गहराने लगा बाढ़ का संकट, नदियों के जल-स्तर में वृद्धि

पटना [जागरण टीम]। बीते दिन गंडक ने तटबंधों पर दबाव बढ़ाया तो बिहार के गोपालगंज में बराज से पानी छोड़ा गया है। उधर, खीरी-धर्मावती नदी पर बना पुल डूबने से रोहतास, कैमूर तथा बक्सर मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। गंगा, गंडक, सरयू समेत सभी नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। सूबे में बाढ़ की आशंका गहरा गई है।

हालांकि बारिश थमने के कारण पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल की नदियों में पानी घटने लगा है। वहीं उत्तर बिहार में गुरुवार को नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी रहा। सूबे में शुक्रवार से प्रदेश में बारिश में कमी आने की उम्मीद है। एक सप्ताह से सक्रिय मानसून अब कमजोर पडऩे लगा है।

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सूबे से गुजर रही ट्रफ लाइन मध्य प्रदेश की ओर बढ़ गई है, जिससे गुरुवार को राजधानी में मात्र 3 मिमी बारिश हुई। शुक्रवार से हल्की बारिश होने की उम्मीद है। 

पटना मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक शुभेंदु सेनगुप्ता का कहना है कि ट्रफ लाइन के आगे बढऩे से मध्य प्रदेश एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश में झमाझम बारिश हो रही है। अगले दो दिनों तक प्रदेश में भारी बारिश की कोई उम्मीद नहीं है। अब स्थानीय कारणों से प्रदेश में फुहारें पड़ सकती हैं। 

उधर खगडिय़ा में गुरुवार को वज्रपात से एक किसान की मौत हो गई। एक अन्य घटना में परबत्ता थाना के डुमरिया बुजुर्ग गंगा घाट के पास घास लाने दियारा जा रहे 45 वर्षीय अनिल यादव की मौत डूबने से हो गई। सिवान, छपरा, गोपालगंज, सासाराम, बक्सर और आरा जिले की सभी नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी जारी है। वहीं बाल्मिकीनगर बराज से फिर पानी छोड़े जाने से गोपालगंज में गंडक नदी ने तटबंधों पर दबाव बढ़ा दिया है। इससे कटाव प्रभावित इलाकों की दशा और बिगडऩे लगी है। 

वहीं कोसी व सीमांचल इलाके के दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से जलमग्न है। सहरसा के महिषी में हरिशंकरी नहर टूटने से महिषी सहित पांच गांवों में पानी घुस गया है। सलखुआ प्रखंड में कोसी बांध से कोतबलिया गांव को जोडऩे वाली सड़क कोसी के पानी के दबाव से 40 मीटर तक बह गई है।

मधेपुरा के आलमनगर, चौसा व कुमारखंड में बांध टूटने से खेतों में पानी भर गया है। खगडिय़ा के बलतारा में कोसी खतरे के निशान (33.85) से ऊपर 34.74 मीटर पर बह रही है। बागमती अभी भी खगडिय़ा के संतोष स्लूईस के पास खतरे के निशान से 92 सेमी ऊपर है। कटिहार में महानंदा के जलस्तर में कमी आई है, लेकिन यह खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

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उधर मधुबनी जिले में कमला बलान, भुतही बलान खतरे के निशान से काफी नीचे है। कोसी के जलस्तर में भी कमी के बावजूद बाढ़ से प्रभावित गांवों की स्थिति यथावत है। सीतामढ़ी व शिवहर में बागमती एवं अधवारा समूह की नदियां खतरे के निशान से नीचे है। 

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