शरद पूर्णिमा की तारीख को लेकर दूर कर लें कंफ्यूजन, बिहार मे कोजागरी पूर्णिमा के तौर पर भी मनता है ये पर्व

Sharad Purnima 2021 Date and Timing ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि शरद पूर्णिमा यानी कोजागरी पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ प्रकाशवान होता है। वर्ष की सभी पूर्णिमा में शरद पूर्णिमा को श्रेष्ठ माना जाता है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 06:24 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 10:48 AM (IST)
शरद पूर्णिमा की तारीख को लेकर दूर कर लें कंफ्यूजन, बिहार मे कोजागरी पूर्णिमा के तौर पर भी मनता है ये पर्व
Sharad Purnima 2021 Date: शरद पूर्णिमा की सही तारीख यहां जानें। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। Sharad Purnima 2021 Date and Timing: आश्विन शुक्ल पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के रूप में जाना जाता है। शरद पूर्णिमा का पर्व मंगलवार को मनाया जाएगा। ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ प्रकाशवान होता है। वर्ष की सभी पूर्णिमा में शरद पूर्णिमा को श्रेष्ठ माना जाता है। इसदिन सर्वार्थ सिद्धि योग तथा रवियोग का पुण्यकारी संयोग बना है। स्नान-दान व व्रत की पूर्णिमा बुधवार को मनाई जाएगी। बुधवार को रेवती नक्षत्र व हर्षण योग में व्रत की पूर्णिमा मनाई जाएगी। इसको लेकर सनातन धर्मियों में खासा उत्‍साह है। शरद पूर्णिमा को ही मिथिला क्षेत्र में कोजागरी पूर्णिमा (Kojagari Purnima) के तौर पर मनाया जाता है। यह पर्व नवविवाहित जोड़ों के लिए खास माना जाता है।

सामान की खरीदारी करना और नया कार्य करना शुभ

ज्योतिष आचार्य ने बताया कि इस दिन सामान की खरीदारी करना एवं नया कार्य आरंभ करना शुभ होगा। इस दिन शुभ कार्य का आरंभ करने से एवं गरीब-निर्धन के बीच सामग्री का वितरण करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रमा का प्रकाश पेड़-पौधों और वनस्पतियों पर पड़ने से उनमें अमृत का संचार होता है।

सर्वार्थ सिद्धि व रवियोग में शरद पूर्णिमा आज, दान-व्रत की पूर्णिमा कल इस दिन सामान की खरीदारी व नया कार्य आरंभ करना माना जाता शुभ

रात में घर की छत या आंगन में रखकर खाई जाती है खीर

रात्रि में चंद्र की किरणों से जो अमृत वर्षा होती है उसके फलस्वरूप घरों की छतों पर या खुले आंगन में खीर रखी जाती है। खीर के सेवन से चंद्रमाजनित दोष शांति और शरीर की आरोग्य क्षमता में वृद्धि होती है। शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाने के साथ उन्हें प्रसन्न करने के लिए श्रीसूक्त का पाठ कल्याणकारी होता है।

शरद पूर्णिमा के लिए पूजा मुहूर्त स्थिर लग्न - शाम 6.52 बजे से रात्रि 8.26 बजे तक निशीथ काल - रात्रि 10.00 बजे से 11.35 बजे तक

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