सीमांचल एक्सप्रेस हादसा में बड़ा खुलासा, जुगाड़ तकनीक से चलाई जा रही थी ट्रेन

बिहार में हुए सीमांचल एक्सप्रेस हादसा में रेलवे की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इस बीच तीन मृतकों के एक परिजन ने रेलवे के खिलाफ लापरवाही का मुकदमा भी दर्ज कराया है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Tue, 05 Feb 2019 10:29 AM (IST) Updated:Tue, 05 Feb 2019 09:24 PM (IST)
सीमांचल एक्सप्रेस हादसा में बड़ा खुलासा, जुगाड़ तकनीक से चलाई जा रही थी ट्रेन
सीमांचल एक्सप्रेस हादसा में बड़ा खुलासा, जुगाड़ तकनीक से चलाई जा रही थी ट्रेन

पटना [जागरण टीम]। बिहार के जोगबनी से आनंदविहार जा रही सीमांचल एक्सप्रेस के वैशाली स्थित सहदेई बुजुर्ग स्टेशन पर दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद पटरियों की मरम्‍मत पूरी हो चुकी है। इस रेलखंड से होकर पहली ट्रेन मंगलवार की सुबह रवाना की गई। हालांकि, ट्रेनों का परिचालन मंगलवार दोपहर बाद तक ही सामान्‍य हो पाएगा। इस बीच प्राथमिक जांच में दुर्घटना के पीछे रेल‍कर्मियों की लापरवाही उजागर हुई है। रेलवे ने पटरियों की मरम्‍मत में जुगाड़ तकनीक का इस्‍तेमाल किया था। इस लापरवाही को लेकर दुर्घटना के तीन मृतकों के एक परिजन ने रेलवे के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया है।

प्राथमिक जांच में रेलवे की लापरवाही उजागर

बीते रविवार की सुबह वैशाली के सहदेई बुजुर्ग स्टेशन के पास जोगबनी से आनंद विहार जा रही सीमांचल एक्‍सप्रेस दुर्घटनाग्रस्‍त हो गई। दुर्घटना में छह यात्रियों की मौज हो गई, जबकि दर्जनों घायल हो गए। दुर्घटना की जांच के क्रम में अभी तक जो तथ्‍य सामने आए हैं, उनसे रेलवे की लापरवाही उजागर हुई है। जांच में ट्रैक के रखरखाव से जुड़ीं खामियां सामने आने लगी हैं।

क्रॉसिंग प्वाइंट्स की पूरी तरह अनदेखी

इस रेलखंड पर नई रेलवे लाइन पिछले साल ही बिछाई गई है। इस रेलवे ट्रैक का अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्शन टेस्ट (स्कैनिंग मशीन से रेलवे ट्रैक को स्कैन कर इसकी मजबूती की जांच) भी पिछले साल हुआ था। मामले में क्रॉसिंग प्वाइंट्स की पूरी तरह से अनदेखी की गई। अगर इसकी नियमित जांच की जाती तो हादसा नहीं होता। बहरहाल, घटना के बाद नियमित जांच पर सवाल उठ रहे हैं। 

पटरी के टूटे होने के कारण हुआ हादसा

जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि रेलवे क्रॉसिंग प्वाइंट्स के पास पटरी के टूटे होने से ही हादसा हुआ। क्रॉसिंग प्वाइंट्स के पास पटरी का टूटना काफी गंभीर माना जा रहा है। जांच में पता चला कि 30 सेमी लंबा और 4 सेमी गहरा फ्रैक्चर काफी पहले से था।

जुगाड़ तकनीक से की गई थी मरम्‍मत

इतना ही नहीं, नियम के विरुद्ध रेल पटरी के नीचे लकड़ी का टुकड़ा रखकर इसे कसा गया था। ट्रैक के नीचे एक मीटर लंबा लकड़ी का टुकड़ा मिलने से 'जुगाड़ तकनीक' का पता चलता है।

दुर्घटना को लेकर ये भी हैं बड़े सवाल

लेकिन क्रॉसिंग प्वाइंट्स के आगे रेलवे ट्रैक चार टुकड़ों में पाई गई, जिससे और गंभीर सवाल खड़े होते हैं। रेलवे के अनुसार यहां पटरी हादसे के बाद टूटी है। लेकिन जांच में क्रॉसिंग बॉडी के दाहिने तरफ की फिश प्लेट के नट बोल्ट गायब मिले। बाएं तरफ की तीन पेंड्रौल क्लिप भी निकली मिली। संभव है कि यहां पटरी दुर्घटना के कारण टूटी हो, लेकिन इस आशंका को भी 'फिलहाल' खारिज नहीं किया जा सकता कि पहले से पटरी टूटी होने के कारण ट्रेन दुर्घटनाग्रस्‍त हो गई हो।

जांच के नाम पर हो रही थी खानापूर्ति

बड़ा सवाल नियमित जांच को लेकर है। जिस इंजीनियरिंग विभाग को जांच की जिम्मेदारी दी गई है, क्या वह केवल खानापूर्ति ही कर रहा था? नियमित रूप से ट्रैक की जांच होगी तो ऐसा संभव नहीं है। रेल अधिकारियों की मानें तो प्रत्येक दिन सेक्शन इंजीनियर को खुद रेलवे ट्रैक की जांच करनी है। क्रॉसिंग प्वाइंट्स की जांच अनिवार्य है। महीने में एक दिन मंडल स्तरीय अधिकारी भी प्वाइंट्स के साथ ही पूरे ट्रैक की गहनता से जांच करते हैं। हर तीन माह पर संयुक्त रूप से रेलवे ट्रैक की जांच अनिवार्य है।

दुर्घटना में लापरवाही काे लेकर दर्जहुआ मुकदमा

स्‍पष्‍ट है कि दुर्घटना के कारण जो भी हों, इसमें रेलवे की लापरवही का भी योगदान रहा। इसमें छह रेल यात्रियों की मौत हो गई। मृतकोंं में पश्चिम बंगाल के तीन यात्री शामिल थे। उक्‍त तीनों के एक रिश्‍तेदार हैदर अली ने हाजीपुर रेल थाना में कार्य में लापरवाही को लेकर रेलवे के पदाधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराईहै। हैदने ने दो चाचा मो. शमशुद्दीन आलम व मो. अंसार आलम तथा दादी शायदा खातून को खोया है।

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