बिहार कैबिनेट की बैठक समाप्‍त, इन 39 एजेंडों पर लगी मुहर

मंगलवार को सीएम नीतीश की अध्‍यक्षता में बिहार कैबिनेट की बैठक संपन्‍न हुई। बैठक में 39 एजेंडों पर मुहर लगी।

By Ravi RanjanEdited By: Publish:Tue, 05 Jun 2018 07:53 PM (IST) Updated:Wed, 06 Jun 2018 01:35 PM (IST)
बिहार कैबिनेट की बैठक समाप्‍त, इन 39 एजेंडों पर लगी मुहर
बिहार कैबिनेट की बैठक समाप्‍त, इन 39 एजेंडों पर लगी मुहर

पटना [जेएनएन]। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार की अध्‍यक्षता में मंगलवार की शाम बिहार कैबिनेट की बैठक संपन्‍न हुई। बैठक में कुल 39 एजेंडों पर मुहर लगी। गोपाल नारायण सिंह प्राइवेट यूनिवर्सिटी को मंजूरी, बिहार राज्‍य फसल सहायता को मिली मंजूरी, बिहार रोड रिसर्च सेंटर की स्‍थापना को मंजूरी, मदरसा शिक्षकों के लिए दो अरब 15 करोड़ की मंजूरी सहित कई अन्‍य प्रमुख फैसले लिये गए।

नियोजित माध्यमिक शिक्षकों के वेतन भुगतान को 11 अरब, 7 करोड़ स्वीकृत
राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को अपनी बैठक में अलग-अलग श्रेणी के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों  के वेतन भुगतान को ले राशि की मंजूरी दी।

राज्य में माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत जिला परिषद एवं विभिन्न नगर निकायों के अंतर्गत कार्यरत नियोजित माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक एवं पुस्तालयाध्यक्षों के वेतन भुगतान के लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 के तहत ग्यारह अरब, सात करोड़, पचास लाख रुपए के सहायक अनुदान को स्वीकृति दी गई है।

पूर्व के सर्वशिक्षा अभियान और वर्तमान के समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए 2018-19 के तहत पचास अरब रुपए अनुदान मद में स्वीकृति तथा प्रथम तिमाही के वेतन भुगतान के लिए अठारह अरब, इकसठ करोड़, पैैंतीस लाख, तीन हजार रुपए स्वीकृत किए गए हैैं। वहीं 64 एएनएम प्रशिक्षण संस्थानों के लिए 832 पदों के सृजन को भी मंजूरी दी गई है। तैैंतीस नए जीएनएम संस्थानों के लिए 429 पदों को स्वीकृति दी गई है।

332 व 119 अराजकीय प्रस्वीकृत संस्कृत विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए 1.15 अरब रुपए की स्वीकृति दी गई है। अराजकीय प्रस्वीकृत 2460 कोटि के मदरसों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों के 2018-19 में देय नियत वेतन के लिए साठ करोड़ रुपए के अनुदान को स्वीकृति दी गई है। अराजकीय प्रस्वीकृत 1119 मदरसा एवं 9 बालिका मदरसों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों के भुगतान के लिए 2.15 अरब रुपए विमुक्त किए गए हैैं।

कैबिनेट के अन्य फैसले
-प्रखंड अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी संवर्ग नियमावली 2018 को स्वीकृति
-शेरघाटी के तत्कालीन दंडाधिकारी व वर्तमान में मधेपुरा के निलंबित मुंसिफ राजेश प्रसाद बर्खास्त
-ग्राम कचहरी के रिक्त पदों पर 8 जुलाई को मतदान संपन्न कराने की अधिसूचना 13 जून को कराए जाने को स्वीकृति
-पटना के राजेंद्र नगर स्थित मोईनुलहक स्टेडियम के प्रबंधक का वेतन स्तर 6 से स्तर 9 में संशोधित किए जाने को मंजूरी
-बिहार लोक सेवा आयोग विनियमावली 1960 के विनियम -4 में संशोधन को स्वीकृति
-बेल्ट्रान के माध्यम से चयनित एजेंसी 3 आई इंफोटेक को राज्य योजना स्कीम के तहत 16 करोड़ अग्रिम को स्वीकृति
-पंचायत स्तर पर कॉमन सर्विस सेंटर को भारत नेट के साथ सेवाएं प्रदान करने के 43.68 करोड़
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत उपकेंद्र स्तर तक अनुबंध पर नियुक्त एवं कार्यरत कर्मियों की सेवा अवधि में मौत पर उसके आश्रित को चार लाख का अनुग्रह अनुदान
-विधान परिषद सचिवालय भर्ती एवं सेवा शर्तें नियमावली 2018 को मंजूरी
-बिहार विधानसभा सचिवालय भर्ती एवं सेवा शर्तें नियमावली 2018 को मंजूरी
-रोहतास में निजी क्षेत्र में गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय, जमुहार के स्थापना व संचालन को स्वीकृति
-सिताब दियारा में लोकनायक जयप्रकाश नारायण स्मृति भवन व संग्रहालय के लिए तीन पद स्वीकृत
-सीसीटीएनएस योजना के लिए 270 करोड़, 86 लाख
-मुंगेर में श्रम न्यायालय की स्थापना के लिए पांच पद स्वीकृत

मुठभेड़ में मारे जाने वाले बिहार मूल के केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के परिजनों को 11 लाख
केंद्रीय अर्धसैनिक बल के बिहारी मूल के वे जवान अगर बिहार या फिर बिहार के बाहर किसी अन्य जगह पर मुठभेड़ या नक्सली हमले में मारा जाता है तो उनके परिजनों को राज्य सरकार ग्यारह लाख रुपए का अनुग्रह अनुदान देगी। अभी यह राशि पांच लाख रुपए थी। अंतिम संस्कार पुलिस सम्मान के साथ कराया जाएगा।
गृह विभाग के उस प्रस्ताव को भी कैबिनेट की मंजूरी दी गई जिसके तहत होमगार्ड के जवान अपनी बर्खास्तगी पर अपील कर सकेंगे।

फसल नुकसान होने पर सरकार सीधे किसानों को देगी आर्थिक सहायता

किसानों के फसल नुकसान पर सरकार अब सीधे उन्हें सहायता उपलब्ध कराएगी। सहायता राशि किसानों के बैैंक खाते में पहुंचेगी। राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को बिहार राज्य फसल सहायता योजना को अपनी मंजूरी प्रदान की। सरकार ने तय किया है कि बिहार में अब किसी भी तरह की फसल बीमा की योजना नहीं चलेगी। कैबिनेट के इस महत्वपूर्ण फैसले के बारे मेें सहकारिता विभाग के विभाग के सचिव अतुल प्रसाद और विभाग के पूर्व प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने विस्तार से जानकारी दी। खरीफ 2018 मौसम से ही यह योजना आरंभ हो गई है। खरीफ में नुकसान हुए फसल के लिए किसानों को मार्च में तथा रबी के नुकसान की राशि सितंबर में उपलब्ध हो जाएगी।

प्रीमियम से हो रहा था नुकसान
सहकारिता विभाग का यह आकलन था कि फसल बीमा के मद में राज्य सरकार द्वारा जो प्रीमियम की राशि बीमा कंपनियों को दी जा रही है उससे नुकसान हो रहा है। खरीफ 2016 मौसस में 495 करोड़ रुपए का प्रीमियम दिया गया था जबकि बीमा कंपनियों ने क्षतिपूर्ति के रूप में मात्र 221 करोड़ रुपए का भुगतान किया।

ये है प्रावधान
किसानों को सहकारिता विभाग के पोर्टल पर नि:शुल्क आवेदन करना है। इसमें अतिरिक्त कोई प्रीमियम भी नहीं लिया जाएगा। फसल कटनी प्रयोग के आधार पर फसल का नुकसान तय किया जाएगा। एक प्रखंड में चार फसल कटनी प्रयोग सरकार के स्तर पर कराए जाते हैैं।

यदि थ्रेशहोल्ड उपज की दर के सापेक्ष वास्तविक उपज की दर में 20 प्रतिशत की कमी होती है तो 7500 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए पंद्रह हजार रुपए की सहायता अनुमान्य होगी। यदि थ्रेसहोल्ड उपज दर के सापेक्ष वास्तविक उपज दर से 20 प्रतिशत से ज्यादा कम है तो दस हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए सहायता राशि अनुमान्य होगी।

कृषि इनपुट सब्सिडी मिलती रहेगी
इस सहायता राशि के अतिरिक्त किसानों को इनपुट सब्सिडी व डीजल अनुदान योजना का भी लाभ मिलेगा।

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