बिहार में जेल से छूटे अपराधी देंगे बैंक लूट की घटनाओं का क्लू
सूबे में संगठित अपराध की घटनाओं में हुई वृद्धि को लेकर राज्य पुलिस मुख्यालय ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को स्पष्ट कर दिया गया है कि वे लूट, डकैती, चोरी और अपहरण जैसे अपराधों में शामिल अपराधियों व आपराधिक गिरोहों का तत्काल उद्भेदन करें।
पटना। सूबे में संगठित अपराध की घटनाओं में हुई वृद्धि को लेकर राज्य पुलिस मुख्यालय ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को स्पष्ट कर दिया गया है कि वे लूट, डकैती, चोरी और अपहरण जैसे अपराधों में शामिल अपराधियों व आपराधिक गिरोहों का तत्काल उद्भेदन करें, वर्ना उन्हें बदल दिया जाएगा।
पुलिस मुख्यालय का मानना है कि राज्य के विभिन्न जिलों में हो रही इस तरह की वारदातों में शामिल अपराधी या आपराधिक गिरोह कोई नए नहीं हैं। सभी एसपी को निर्देश जारी किया गया है कि वे अपने-अपने जिलों के वैसे अपराधियों की गतिविधियों पर खास नजर रखें, जो हाल के दिनों में जेल से छूटकर बाहर आए हैं।
डीजीपी पीके ठाकुर ने मंगलवार को बताया कि हाल के दिनों में जेल से छूटे अपराधियों का जिला स्तर पर ब्योरा तैयार करने का निर्देश सभी एसपी को दिया गया है। साथ ही, जेल से बाहर आने के बाद उनकी हर गतिविधि का ब्योरा तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सभी एसपी को अपने-अपने जिलों में वाहनों की जांच का सघन अभियान चलाने का भी निर्देश दिया गया है। पुलिस मुख्यालय का मानना है कि बैंकों में रोज हो रही लूट की घटना को अंजाम देने वाले अपराधी वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। अगर वाहनों की सघन जांच की जाए तो कई अपराधियों को वारदातों को अंजाम देने से पहले दबोचा जा सकता है।
बता दें कि पिछले एक सप्ताह से बैंक लूट व बैंकों से पैसा निकालने वाले लोगों से रोजाना लूट की कम से कम दो घटनाएं प्रतिवेदित हो रही हैं। खासकर वैशाली में तो प्रतिदिन इस तरह की घटनाएं प्रकाश में आ रही हैं।
मंगलवार को भी राज्य में बैंक लूट की दो घटनाएं हुई हैं। इनमें मोतिहारी के हरसिद्धी थानाक्षेत्र के गोविंदपुर के ग्रामीण बैंक से स्कॉर्पियो सवार अपराधियों ने बैंक से पैसे निकालकर बाहर निकले एक व्यक्ति से पांच लाख रुपये तथा वैशाली के गोरौल स्थित उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में ग्राहक की वेश में आए अपराधियों ने तीन लाख रुपये लूट लिये। दो दिन पहले ही बिहारशरीफ में केनरा बैंक की शाखा से अपराधियों ने 43 लाख रुपये लूट लिए थे।
मुख्यालय के लिए एक बड़ी चिंता का कारण यह है कि करीब एक दर्जन बैंक लूट के अलावा घरों में हो रही डकैती के किसी भी मामले का उद्भेदन करने में पुलिस को सफलता नहीं मिली है।