फारबिसगंज में छाया गोलीकांड, नीतीश बताओ- कहां गया था सांप्रदायिक प्रेम : मोदी

विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण मतदान को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन रैलियां हो रही हैं। उनकी पहली रैली पूर्णिया में हुई। प्रधानमंत्री पूर्णिया की रैली के बाद अररिया के फारबिसगंज में महागठबंधन की जमकर खबर ले रहे हैं।

By Amit AlokEdited By: Publish:Mon, 02 Nov 2015 12:37 PM (IST) Updated:Mon, 02 Nov 2015 06:56 PM (IST)
फारबिसगंज में छाया गोलीकांड, नीतीश बताओ- कहां गया था सांप्रदायिक प्रेम : मोदी

पटना। विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण मतदान को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन रैलियां पूर्णिया, फारबिसगंज व दरभंगा में हुई। प्रधानमंत्री पूर्णिया की रैली के बाद अररिया के फाबिसगंज (अररिया) में महागठबंधन की जमकर खबर ली।

फारबिसगंज में मोदी ने कहा कि उन्होंने नीतीश-लालू को उन्हों के अस्त्र से मारा। उनके सभी आरोपों, सभी झूठ का जवाब दिया। और जब उन्हें जवाब देना है तो वे भाग रहे हैं।

मोदी ने कहा कि फारबिसगंज में तीन जून 2011 को मुस्लिम मजदूरों पर नीतीश की पुलिस ने गोली चलाई थी, जिसमें 10 साल का मासूम मारा गया था। नीतीशजी को तब उस घटना पर वेदना के शब्द नहीं मिले थे। गांधी मैदान में लोकसभा चुनाव की रैली में कई लोग मारे गए।लेकिन, तब भी नीतीश जी की आंखों में पानी नहीं आया। फारबिसगंज में बोले मोदी आपका प्यार मेरी जिम्मेदारी और बढ़ा देता है। ये प्यार मुझे दिन-रात काम करने की ताकत देता है। ये प्यार आपके लिए जीने की प्रेरणा देता है। मैं ईश्वर का आभारी हूं। जनता जनार्दन जब आशीर्वाद दे तो वह ईश्वर का रूप बनकर आता है।दिल्ली में बैठकर जो चुनावों की चर्चा करते हैं, जातियों का समीकरण बैठाते रहते हैं, वे गलत साबित होंगे। ये जितने समीकरण लगाते हैं, जितने जोड़तोड़ करते हैं , 2015 का चुनाव सारे राजनीतिक पंडितों को गलत कर देगा।देशवासियों से आग्रह करता हूं कि बिहार के चुनाव को गौर से देखिए। इसलिए नहीं कि यहां प्रचार अभियान कैसा चल रहा? कौन क्या बोल रहा है? इसलिए कि यह हिंदुस्तान की चुनावी दुनिया का टर्निंग प्वाइंट है।हमारे देश में चुनाव जातियों के जोड़तोड़ से लड़े गए हैं। सांप्रदायिकता के नाम पर चुनाव लड़े गए। विकास पर चुनाव नहीं लड़े हैं। विकास के मुद्दे पर जवाबदेही बनती है। बिहार में विकास के मुद्दे पर चुनाव हो रहा है।बिहार ने विकास के मुद्दे को लाकर पूरे हिंदुस्तान को ताकत दिखाई है। यह ताकत मुझे विकास के लिए समर्पित कर देता है।आज पूरी दुनिया में हिंदुस्तान की जय-जयकार हो रही है या नहीं? अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी, केन्या, चारो ओर भारत का डंका बज रहा है। मोदी के कारण ऐसा नहीं हो रहा है। यह आपके कारण हो रहा है, सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानियों के कारण हो रहा है।30 साल के बाद देश की जनता ने दिल्ली में पूरे बहुमत वाली सरकार बनाई है। अगर बिहार के लोगों ने मेरी मदद न की होती तो दिल्ली में पूर्ण बहुमत की सरकार न बनी होती। इसके कारण दुनिया में जहां भी जाता हूं, जब वे मुझसे हाथ मिलाते हैं तो उनको मोदी नहीं सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानी दिखते हैं। ये हिंदुस्तानियों की ताकत है कि आज दुनिया भारत का लोह मान रही है।बिहार का भी डंका बजाने के लिए यहां भी दो तिहाई बहुमत से सरकार बनानी होगी। अगर ऐसा हुआ तो पटना हिंदुस्तान में छा जाएगा। मैं ये विश्वास दिलाना चाहता हूं।सरकार क्यों बनती है? लोग नेताओं को सुनने क्यों आते हैं? अपना काम छोड़कर वोट क्यों देते हैं? क्या मौज करने, खजाना खाली करने, भाई-भतीजावाद करने के लिए सरकार बनती है? क्या लूट करने के लिए सरकार बनती है? सरकार बनती है गरीबों की भलाई के लिए।कोई अमीर बीमार हो जाए, तो उसको सरकारी डॉक्टर की जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन, गरीब बीमार होगा तो उसे सरकारी दवाखाना और डॉक्टर की जरूरत होती है। अमीर का बेटा तो दुनिया में कहीं भी जाकर पढ़ सकता है, अच्छे टीचर घर तक आ सकते हैं। लेकिन, गरीब को सरकारी स्कूल में जाना पड़ता है। सरकारी स्कूल अच्छे होने चाहिए या नहीं?आपको पटना जाना है तो बस-रेल चाहिए या नहीं? अमीर को तो अपनी गाड़ी होती है। इसलिए सरकार गरीबों के लिए होती है। सरकार में बैठे लोगों को गरीबों के लिए जीना-मरना होता है।आपने मुझे देखा है... 16 महीने हो गए, एक दिन भी छुट्टी नहीं ली है। आपके आशीर्वाद की ताकत इतनी है कि दिन-रात आपकी सेवा में लगा रहता हूं। जो समय मिला है, आपकी भलाई करके जाना है। दोनो हाथ ऊपर करके आशीर्वाद दीजिए कि आपके लिए काम करता रहूं।इस चुनाव में हम विकास के मुद्दे पर एक ही एजेंडा लेकर काम कर रहे हैं। बिहार के विकास के लिए सोच रहे हैं, योजना बना रहे हैं। मुझे बताइए- लालू-नीतीश ने 25 साल सरकार चलाई। ये कम समय होता है क्या? 15 साल लालू और श्रीमती लालू जी ने तथा 10 साल नीतीश जी ने सरकार चलाई। इन्हें अपने काम का हिसाब देना चाहिए या नहीं?एक बार भी ये बोला है क्या? अपने काम का हिसाब देते हैं क्या? मुझे तो अभी 25 महीना भी नहीं हुआ है और मेरा हिसाब मांग रहे हैं।लालू-नीतीश कान खोलकर सुन लो। अगर आंखों में अंधेरा न छाया हो तो ये देख लो। आपका अहंकार आपको देखने नहीं देता। अहंकार के कारण यह नजारा देख नहीं पा रहे हो।ऐसी गालियों की मैनुफैक्चरिंग चलती है यहां, मैंने कभी सुनी नहीं है। लालू-नीतीश, जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिलने वाला है।चार चरणों का रुझान देखकर तय है कि आठ अक्टूबर को एनडीए की सरकार बनेगी। 25 साल के जंगलराज और जंतर-मंतर से मुक्ति मिलेगी। अब तो जंगलराज और जंतर-मंतरराज मिल गए हैं। अगर ये सत्ता में आए तो आपका क्या होगा?हम कहते हैं कि आप मुझे विकास के मुद्दे पर ही वोट दीजिए। लालू-नीतीश जी आपमें हिम्मत हो तो इस मुद्दे पर आओ मैदान में। दो महीने से किताब लेकर घूम रहे हैं। हम विकास के मुद्दे से हटकर काल्पनिक मुद्दे पर नहीं जाना चाहते।जब मुझे लगा कि वे गुब्बारे के सहारे उड़ रहे हैं तो उनके गुब्बारे में पिन लगा दी। तिलमिला रहे हैं कि क्या करें मोदी को कैसे जवाब दें। संप्रदाय, कम्युनिलिज्म के गीत गा रहे हैं।मैंने सबूत के साथ सवाल पूछा है- आपने खुद कहा था कि आरक्षण पर फिर से विचार होना चाहिए। पिछड़ों, गरीबों, दलितो के आरक्षण पर फिर से विचार करने के लिए आपने नीतीश जी बोला था।संविधान सभा ने कहा था कि संप्रदाय के आधार पर आरक्षण नहीं होना चाहिए। लालू-नीतीश आपने इस आधार पर आरक्षण की बात कही थी। जब मैंने सवाल उठाया तो जवाब देने की जगह रो रहे हैं। आप ही के शस्त्र से आपको पीटा है, आपको जवाब दिया है। पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों को मूर्ख बना रहे हो, जवाब दो हिम्मत हो तो जवाब दो। मेरे पास सुबूत है, संसद में बोला है आपने।आप तो वे लोग हैं जो देश की सुरक्षा से समझौता करते हैं। इसी जिले में तीन जून 2011 मुस्लिम मजदूरों पर नीतीश की पुलिस ने गोली चलाई थी, जिसमें 10 साल का मासूम मारा गया था। नीतीश ती, मतदान के समय संप्रदाय का गीत गाते हो, उस घटना पर वेदना के शब्द मिले थे क्या? आज आप मुझसे जवाब मांग रहे हो?चुनाव के वक्त आपको सब याद आता है। गांधी मैदान में लोकसभा चुनाव की रैली में कई लोग मारे गए, लेकिन नीतीश जी आपकी आंख में पानी नहीं आया। मरने वाले वे मेरे भाई थे, लेकिन आपको संवेदना प्रकट करने का वक्त नहीं था। उस दिन बम-बंदूक के बीच हमने धैर्य नहीं खोया था, जिम्मेदारी के साथ कहा था कि मुसलमान भाई आप तय कीजिए आपको हिंदू के खिलाफ लड़ना है या गरीबी के खिलाफ लड़ना है। जहां बम धमाके हो रहे थे वहां ऐसा बोलने की मेरी हिम्मत थी। मैंने कहा था हिंदू-मुसलमान मिलकर गरीबी के खिलाफ लड़ेंगे तब हिंदुस्तान का विकास होगा।आप बताइए लालू-नीतीश मुझे कहते हैं कि मोदी जी बाहरी हैं। आपने वोट न दिया होता तो प्रधानमंत्री बन सकता था क्या? आपका था इसीलिए प्यार किया न। मैं दिल्ली में रहता हूं तो बाहरी हो गया? दिल्ली में रहता हूं तो बाहरी हूं तो सोनिया जी के लिए क्या कहोगे? उनको बाहरी कहोगे या बिहारी? ऐसे सवाल पर दिल्ली वाले दरबारियों से कहते हैं कि मैं कुछ यहां से कर नहीं सकता, कुछ करो वहां से।नीतीश बाबू, आपके हर झूठ को ललकारा है और आप भाग जाते हो। बिहार को आगे बढ़ाना है, बिहार को बचाना है, हिंदुस्तान की ऊंचाइयों पर लाना है, इसलिए आपका आशीर्वाद चाहिए।बिहार के परिवारों के लिए मेरे तीन सूत्र है - पढ़ाई, कमाई और दवाई। गरीब बच्चे को अच्छी, सस्ती शिक्षा बिहार में ही देना चाहता हूं। दूसरा है कमाई - बिहार के नौजवान को यहीं रोजगार मिलना चाहिए, पलायन रुकना चाहिए। तीसरा सूत्र दवाई है। बीमार को दवाई, डॉक्टर मिलना चाहिए या नहीं?तीन कार्यक्रम बिहार राज्य के लिए भी हैं - बिजली, पानी और सड़क।बिजली आती है क्या? कंप्यूटर देने की बात करते हैं। मोबाइल चार्ज नहीं हो पाता और कंप्यूटर की बात करते हैं। लालू जी लालटेन चली गई, अब तो बिजली चाहिए। भूटान में पानी से निकलने वाली बिजली का कारखाना लगा दिया। बिजली पैदा होते ही बिहार को दी जाएगी।2010 के चुनाव में नीतीश बाबू ने गांव-गांव जाकर कहा था कि बिजली नहीं दूंगा तो वोट मांगने नहीं आउंगा। बिजली नहीं आई, लेकिन नीतीश बाबू आ गए। जिसने आपसे वादा तोड़ा, उससे नाता तोड़ना हमारा कर्तव्य है।दो चीजें, जिन्होंने बिहार की दो ताकत है, जिसे यहां के लोगों ने पहचाना ही नहीं, वे हैं पानी और जवानी। बिहार का पानी और बिहार की जवानी पूरे हिंदुस्तान का भाग्य बदल सकते हैं। इसलिए खेत में और पीने का पानी पहुंचाना है।तीसरा कार्यक्रम है सड़क। सड़कों का जाल होना चाहिए या नहीं। इसलिए राज्य के लिए बिजली, पानी, सड़क और आपके लिए पढ़ाई, कमाई और दवाई के सूत्र लेकर आया हूं।दीमक अच्छे से अच्दे मकान, कपड़े को नष्ट कर देते हैं। यह भ्रष्टाचार का दीमक खत्म होना चाहिए। चुनाव से पहले नीतीश ने कहा था कि जो भ्रष्टाचार में पकड़े जाएंगे, उनके मकान में स्कूल खोलूंगा। उनके मंत्री इसी चुनाव में लाखों रुपये ले रहे थे, सरकार बनने के बाद बिहार को बेचने का सौदा कर रहे थे। नीतीश बाबू आपने अपने इन मंत्रियों के मकान जब्त किए, स्कूल खोले क्या?नीतीश बाबू क्यों झूठ बोलते हो? लालू जी को तो अदालत ने भ्रष्टाचार में सजा भी कर दी। क्या लालू जी का बंगला जब्त किया? स्कूल खोला? आप तो उनके गले लग गए। आप भ्रष्टाचार खत्म नहीं कर सकते नीतीश बाबू।अबकी बार जब एनडीए के लिए बटन दबाओगे तो वह भ्रष्टाचार के दीमक में इंजेक्शन लगेगा।

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