बिहार में छेड़छाड़ को रोकने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर, कहा- नीतीश सरकार नहीं उठा रही कोई ठोस व प्रभावी कदम
बिहार के सार्वजनिक स्थलों में महिलाओं संग हो रही छेड़छाड़ की घटनाओं पर नकेल कसने के लिए पटना हाई कोर्ट में एक अवमानना याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता व अधिवक्ता ओमप्रकाश ने इस दौरान बताया कि कोर्ट ने राज्य सरकार को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कार्रवाई करने का आदेश दिया था लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस और प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई।
राज्य ब्यूरो, पटना। महिलाओं के साथ सार्वजनिक स्थल पर होने वाली छेड़छाड़ को नियंत्रित करने के लिए पटना हाई कोर्ट में एक अवमानना याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता व अधिवक्ता ओमप्रकाश ने बताया कि पटना हाई कोर्ट ने एक लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया था कि महिलाओं के साथ होनी वाली ऐसी घटनाओं पर राज्य सरकार ठोस कदम उठाए, लेकिन राज्य सरकार ने उस पर कोई ठोस और प्रभावी कार्रवाई नहीं की।
राज्य सरकार ने नहीं की ठोस कार्रवाई
उन्होंने बताया कि आए दिन असामाजिक तत्वों द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं के विरुद्ध इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के विरुद्ध होने वाली घटनाओं पर नियंत्रण के लिए दिशा-निर्देश जारी किया, लेकिन राज्य सरकार ने इस दिशा में ठोस और प्रभावी कार्रवाई नही की। पटना हाई कोर्ट ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
जागरूकता अभियान भी नहीं चलाया गया
कोर्ट ने शिक्षण संस्थान, गर्ल्स हास्टल, कामकाजी महिला हास्टल, सिनेमा हाल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशनों जैसे स्थानों पर महिला पुलिस बल तैनात करने का निर्देश जारी किया था। त्वरित कार्रवाई करने के लिए प्रत्येक जिले में फास्ट ट्रैक वीमेंस फ्रेंडली कोर्ट का गठन होना था।
पंपलेट, बुकलेट, होर्डिंग के अलावा प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से इन घटनाओं, अपराधों एवं कानूनों के संबंध में जागरूकता अभियान चलाया जाना था। इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा कोई प्रभावी व ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
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