अमृत और सिद्धि योग में हुई मां शारदे की पूजा, जानिए क्या थे शुभ मुहूर्त
सोमवार को मां सरस्वती की पूजा धूमधाम से की गई। जगह-जगह मां शारदे की प्रतिमा रखकर शुभ मुहूर्त में उनकी विशेष पूजा अर्चना की हुई।
पटना [जेएनएन]। ऋतुराज के स्वागत को लेकर पूरे पटना शहर में चहल-पहल रही। मां सरस्वती की अर्चना करने के लिए शहर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों और चौक-चौराहे पर आकर्षक पंडाल सजधज कर तैयार दिखे। लोग सुबह से ही पूजा अर्चना की तैयारी कर रहे थे।
सोमवार को भक्तों ने मां से विद्या और बुद्धि का वरदान मांगने के लिए विशेष पूजा-अर्चना की। प्रतिमा स्थापित कर शुभ मुहूर्त में विद्या की देवी की पूजा की।
स्थिर लग्न में मां की पूजा - सरस्वती की पूजा को लेकर शहर पूरी तरह से सजा दिखा। रविवार को बाजारों में फल और फूलों के साथ सरस्वती की मूर्ति की जमकर खरीदारी हुई। सोमवार को विद्या की देवी की पूजा अमृत योग और सिद्धि योग में हुई। माघ शुक्ल पंचमी तिथि के पूरे दिन पूजन का शुभ समय माना गया।
पंचमी तिथि के दिन कुंभ लगन 7.58 से 9.29 तक स्थिर लग्न था। मीन लग्न 9.29 से 10.57 तक रहा। दोनों लग्न में पूजन बेहतर रहे।
पं. वैदिक ने बताया कि कुंभ लग्न में मां की पूजा करना शुभ था। पूजन के पहले नवग्रह, पंचलोक पाल, विष्णु, गौरी-गणेश, कलश आदि की पूजा पहले करने के बाद मां सरस्वती की पूजा की गई।
राशि के अनुसार भोग -
मेष, वृश्चिक - लाल वस्तु गाजर आदि
वृष, तुला, कर्क - सफेद वस्तु चावल, दही आदि
मिथुन, कन्या - बेर, अंगूर, हरी वस्तु
धनु, मीन - पीली वस्तु, केसर, मिठाई, केला
राशि के अनुसार चढ़ाएं फूल -
मेष, वृश्चिक - लाल फूल
वृष, कर्क, तुला - सफेद फूल
मिथुन, कन्या - हरा फूल
सिंह - गुलाबी फूल
धनु, मीन - पीला फूल
मकर, कुंभ - नीला फूल