बिहार में नल-जल योजना पूरी न करने वाले नहीं लड़ सकेंगे पंचायत चुनाव, घोषित किए जाएंगे अयोग्य

बिहार में नल-जल योजना पूरी नहीं करने वाले त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधियों के चुनाव लड़ने से पर रोक लगा दी जाएगी। यही नहीं अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे। पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव ने इसको लेकर चेतावनी दी है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Fri, 19 Feb 2021 08:41 PM (IST) Updated:Sat, 20 Feb 2021 06:14 AM (IST)
बिहार में नल-जल योजना पूरी न करने वाले नहीं लड़ सकेंगे पंचायत चुनाव, घोषित किए जाएंगे अयोग्य
बिहार में सरकार ने नल-जल योजना को लेकर सख्ती बढ़ा दी है।

राज्य ब्यूरो, पटना: सरकार ने नल-जल योजना को लेकर सख्ती बढ़ा दी है। पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने चेतावनी दी है। उन्होंने दो टूक कहा है कि नल-जल योजना पूरी नहीं करने वाले त्रिस्तरीय पंचायत जनप्रतिनिधियों के चुनाव लड़ने से पर रोक लगा दी जाएगी। यही नहीं, अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे।

पंचायती राज विभाग एक-एक वार्ड में मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना की समीक्षा कर रहा है। बकौल मीणा, बिहार पंचायती राज अधिनियम में यह प्रावधान है कि चुने हुए जन प्रतिनिधियों को उन्हें दिए गए दायित्वों को पूरा करना है। ऐसे में उपेक्षा या जान बुझकर दायित्व का पूरा नहीं करना पद से हटाए जाने का आधार बनेगा। विभाग इसके लिए प्रस्ताव गठित कर रहा है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना का कार्यान्वयन ग्राम पंचायतों के नेतृत्व में वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति द्वारा किया जाता है। इसके साथ रख-रखाव की जिम्मेदारी भी प्रबंधन समिति के हवाले है। पंचायती राज विभाग ने सभी जिला पंचायत राज अधिकारियों को पैनी मॉनीटरिंग के निर्देश दिए हैं।

प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश

अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने शुक्रवार को मधुबनी के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर नल जल योजना के धपलेबाजों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। पत्र में कहा गया है कि अभी मधुबनी जिले के 675 वार्डों में जल नल योजना का काम पूरा नहीं हुआ है। मीणा ने लिखा-आज मैंने जिला पंचायत राज पदाधिकारी, मधुबनी एवं प्रखंड स्तर के कर्मियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से बात की। स्थिति में कोई संतोषजनक सुधार नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने पत्र में लिखा कि कई मामलों में वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति की ओर से राशि देने में विलंब किया जा रहा है। अनेकों मामले में ठीकेदार एवं वार्ड सदस्यों की मिली भगत से राशि गबन कर लिया गया है। मीणा ने जिलाधिकारी से कहा कि वे प्राथमिकी दर्ज कर अभियुक्तों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करें। 

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