अब बीपीएल परिवारों की पहुंच से भी दूर हुए चूजे, कीमत में छह गुना तक की गई वृद्धि

मुर्गी के चूजों की कीमत में छह गुने की वृद्धि कर दी है। ऐसे में गरीब परिवारों (बीपीएल) को यहां से चूजा लेना मुश्किल हो गया है। पहले यहां पर एक चूजा मात्र 10 रुपये में मिलता था लेकिन अब उसकी कीमत 60 रुपये हो गई है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 10:45 PM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 10:45 PM (IST)
अब बीपीएल परिवारों की पहुंच से भी दूर हुए चूजे, कीमत में छह गुना तक की गई वृद्धि
मुर्गी के चूजों की कीमत में छह गुने की वृद्धि कर दी गई है।

पटना, जेएनएन। बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय ने पशुपालन विभाग से पॉल्ट्री फॉर्म लेते ही मुर्गी के चूजों की कीमत में छह गुने की वृद्धि कर दी है। ऐसे में गरीब परिवारों (बीपीएल) को यहां से चूजा लेना मुश्किल हो गया है। पहले यहां पर एक चूजा मात्र 10 रुपये में मिलता था, लेकिन अब उसकी कीमत 60 रुपये हो गई है। पहले पॉल्ट्री फॉर्म का संचालन पशुपालन विभाग की ओर से किया जाता था, लेकिन अब उसका संचालन बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के तत्वावधान में किया जा रहा है। 

पशुपालन विश्वविद्यालय की ओर से चार सप्ताह के चूजों की बिक्री की जाती है। इसके अलावा अंडे की कीमत में भी एक रुपये की वृद्धि कर दी गई है। अब तक पशुपालन विभाग की ओर से अंडे की बिक्री मात्र चार रुपये में की जाती थी, लेकिन विश्वविद्यालय ने अब उसकी कीमत पांच रुपये कर दी गई है।

दीघा नहर पर रहने वाले सुरेंद्र मांझी का कहना है कि बीपीएल परिवारों को सरकार अनुदानित दर पर चूजे मुहैया कराती थी, लेकिन अब काफी वृद्धि हुई है। वहीं, दरभंगा के मुर्गी पालक विकास कुमार का कहना है कि पिछले तीन साल से मुर्गी का पालन कर रहा हूं। वहां से मात्र दस रुपये में चूजे लाकर यहां पर पालन कर जीविका चलाते थे। कीमत में छह गुनी वृद्धि करना बीपीएल परिवारों पर बड़ी मार है। अब बिना चूजा लिए ही वापस लौट रहा हूं। इससे सस्ता निजी कंपनियां चूजा दे रही हैं।

मंत्री करें कीमत पर विचार 

मुर्गी पालकों का कहना है कि पशुपालन मंत्री को चूजों की कीमत पर विचार करना चाहिए। अचानक कीमत में छह गुने की वृद्धि समझ से परे है। विश्वविद्यालय के इस कदम से राज्य में मुर्गी पालन पर एक बार फिर ग्रहण लग सकता है। 

पॉल्ट्री फॉर्म को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश

पटना पॉल्ट्री फार्म प्रभारी डॉ. कौशलेंद्र ने कहा कि चूजों की कीमत 10 से बढ़ाकर 60 रुपये कर दी गई है। इससे पॉल्ट्री फॉर्म को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जा रही है। पॉल्ट्री फॉर्म का संचालन अब तक विभाग की ओर से होता था, लेकिन अब विश्वविद्यालय की ओर से किया जा रहा है। 

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