नीतीश के साथ लालू करेंगे नए राज्यपाल का विरोध

नीतीश कुमार और लालू प्रसाद बिहार के नए राज्यपाल रामनाथ कोविंद का विरोध करेंगे। महागठबंधन उनकी नियुक्ति के खिलाफ आंदोलन चलाएगा। जदयू उनकी नियुक्ति का संसद में भी विरोध करेगा।

By Amit AlokEdited By: Publish:Sat, 08 Aug 2015 04:24 PM (IST) Updated:Sat, 08 Aug 2015 09:07 PM (IST)
नीतीश के साथ लालू करेंगे नए राज्यपाल का विरोध

पटना। नीतीश कुमार और लालू प्रसाद बिहार के नए राज्यपाल रामनाथ कोविंद का विरोध करेंगे। महागठबंधन उनकी नियुक्ति के खिलाफ आंदोलन चलाएगा। जदयू उनकी नियुक्ति का संसद में भी विरोध करेगा। पार्टी ने इस संबंध में शनिवार संध्या लोकसभा अध्यक्ष को कार्य संचालन नियमावली के नियम 267 के तहत सूचना भेज दी है।

लालू प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार ने साजिश के तहत आरएसएस के सदस्य को बिहार का राज्यपाल बनाया है ताकि चुनाव में मनमानी कर सके। केशरीनाथ त्रिपाठी को अगर हटाना था तो बिहार चलाने के लिए भाजपा को क्या और कोई नहीं मिला था?

लालू प्रसाद ने पूछा कि चुनाव से ठीक पहले राज्यपाल बदलने के पीछे भाजपा की क्या मंशा है, सब जान रहे हैं। दिल्ली में नीतीश कुमार के कार्यक्रम में आरएसएस और पप्पू यादव ने साजिश कर हंगामा किया है।

जदयू के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि राज्यपाल की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री से विमर्श करना तो दूर, उन्हें सूचित करना भी मुनासिब नहीं समझा। यह सरकारिया आयोग की सिफारिशों का न केवल उल्लंघन है बल्कि संघीय व्यवस्था की भावना के भी विरूद्ध है।

भाजपा नीत केंद्र सरकार के इस कदम से ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र सरकार चुनाव के इस वर्ष में इतने महत्वपूर्ण संवैधानिक पदों पर राजनीति कर बिहार सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है।

शुक्रवार को संसद में भाजपा के कुछ सांसदों ने बिहार में राष्ट्रपति शासन की मांग पर हंगामा भी किया है। जदयू केंद्र सरकार द्वारा की गई इस की कड़ी शब्दों में आलोचना करता है। इस दिशा में जदयू सोमवार को विभिन्न विपक्षी दलों से वार्ता कर संसद में भी चर्चा की मांग करेगा। केंद्र सरकार की ऐसी असंवैधानिक कोशिशें यूपी, पश्चिम बंगाल, असम आदि कई अन्य राज्यों में भी जारी है।

इधर, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि राज्यपाल का पद संवैधानिक और बहुत मर्यादित भी है। पार्टी के कार्यकर्ता को इस पद पर नियुक्त करने से अच्छा रहता कि किसी भी क्षेत्र में विशिष्टता प्राप्त किसी व्यक्ति को इस पद पर नियुक्त किया जाता।

कई मौका ऐसा भी आता है जब राज्यपाल को बड़े निर्णय लेने पड़ते हैं। उनसे उम्मीद की जाती है कि दल की प्रतिबद्धता से बाहर निकल कर ऐसी स्थिति में निर्णय लें। किसी भी क्षेत्र में विशिष्टता प्राप्त लोग पद की गरिमा का मान रखते हैं। ऐसे में उन्हें अपने कर्तव्य के निर्वहन में सहूलियत होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा-

मुझे मीडिया से राज्यपाल की नियुक्ति के संबंध में जानकारी मिली। इस नियुक्ति के लिए राज्य सरकार को विश्वास में नहीं लिया गया।

-नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

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