दुष्कर्मी राजबल्लभ गिड़गिड़ाता रहा, कोर्ट ने कहा-लॉ ब्रेकर है, कड़ी सजा मिले

नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी राजद से निलंबित विधायक राजबल्लभ यादव को शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। सजा के एेलान से पहले वह जज के सामने गिड़गिड़ाने लगा था, जानिए..

By Kajal KumariEdited By: Publish:Sat, 22 Dec 2018 12:51 PM (IST) Updated:Sat, 22 Dec 2018 12:51 PM (IST)
दुष्कर्मी राजबल्लभ गिड़गिड़ाता रहा, कोर्ट ने कहा-लॉ ब्रेकर है, कड़ी सजा मिले
दुष्कर्मी राजबल्लभ गिड़गिड़ाता रहा, कोर्ट ने कहा-लॉ ब्रेकर है, कड़ी सजा मिले

पटना, जेएनएन। कोर्ट में सजा सुनने के लिए पहुंचा दुष्कर्म के आरोपित राजबल्लभ जज के सामने गिड़गिड़ाने के अंदाज में खड़ा था। उसके वकील ने कहा कि वह समाज सेवक हैं। पूर्व मंत्री हैं। विधायक हैं। कई बिमारियों से ग्रस्त हैं। तीन वर्ष से जेल में हैं।

अदालत से अनुरोध है कि उम्र को देखते हुये कम से कम सजा दी जाए। दूसरी ओर विशेष लोक अभियोजक ने दलील दी कि राजबल्लभ ऐसे आरोपित हैं जो लॉ मेकर और लॉ ब्रेकर हैं। नालंदा जिले के दीपनगर स्थित बिहारशरीफ मंडल कारा में जब बंद थे, तब जेल में पार्टी दी थी। सभी बंदियों को रंग-गुलाल मुहैया कराया था।

22 मार्च 2016 को विधायक ने जेल में 125 किलो चावल और 110 किलो मांस मंगवाया था। बाहर से कारीगर खाना बनाने के लिए बुलाए गए। विधायक मंडल जेल में राजा की तरह रहते थे। उसके लिए मंडल जेल में रंगीन टीवी और डीटीएच की व्यवस्था थी। जेल में कैदियों को होली पर दावत देने की जांच हुई और तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने इसे सत्य पाया।

पीडि़ता शारीरिक और मानसिक प्रताडऩा का शिकार हुई। अदालत से अनुरोध किया कि इन लोगों को ऐसी सजा मिले जिससे कोई ऐसे कुकर्म करने की हिम्मत न करे। इस बहस के बाद जज ने राजबल्लभ को उम्रकैद की सजा सुना दी। 

पूर्वाह्न 11:30 बजे से थी गहमागहमी 

शुक्रवार को दोनों पक्षों के अधिवक्ता और समर्थक सजा सुनने को उतावले थे। अधिवक्ता व अन्य लोग कोर्ट के कमरे में सीट ग्रहण कर चुके थे। कोर्ट कक्ष खचाखच भर गया। अधिवक्ता, राजबल्लभ के समर्थक कार्यकर्ता व नेता तथा पुलिसकर्मियों से बाहर का गलियारा भर था।

आरोपितों के साथ सुरक्षाकर्मी कोर्ट कक्ष में करीब 12:20 बजे पहुंचे। जानकारी मिलते ही जज साहब बहस सुनने के लिए तैयार हो गए। आरोपित विधायक और आरोपित पुष्पंजय कक्ष के पीछे खड़े हो गए। सभी आरोपित महिलाएं एक पंक्ति में जज साहब के बाईं ओर गवाह बॉक्स के पास एक लाइन से सिर झुका कर खड़ी थीं। 

अपराह्न 12:25 बजे बहस शुरू हुई। पहले राजबल्लभ के अधिवक्ता सुनील कुमार ने बहस की। फिर अन्य अधिवक्ताओं ने। इसके बाद विशेष लोक अभियोजक ने बहस की। दोनों पक्षों की बहस करीब 20 मिनट चली। बचाव पक्ष के वकील अभियोजन के अधिवक्ता को टोकते रहे। सबको सुनने के बाद साढ़े तीन बजे के बाद सजा सुनाई।

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