दहेज की बाइक ने खत्म कर दी जिंदगी, मरते-मरते दो को रोशनी दे गई सबकी लाडली पिंकी Patna News

राजधानी में एक और विवाहिता की दहेज के लिए हत्या कर दी गई। पर इसकी कहानी थोड़ी अलग है। पिंकी दुनिया छोड़ गई पर दो को रोशनी दे गई।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 09:32 AM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 09:32 AM (IST)
दहेज की बाइक ने खत्म कर दी जिंदगी, मरते-मरते दो को रोशनी दे गई सबकी लाडली पिंकी Patna News
दहेज की बाइक ने खत्म कर दी जिंदगी, मरते-मरते दो को रोशनी दे गई सबकी लाडली पिंकी Patna News

अहमद रजा हाशमी, पटना सिटी। पापा, आपने दहजे में जो बाइक देने के लिए कहा था वो दे दें, वरना ये लोग मेरी जान ले लेंगे। अंततः महज एक बाइक के लिए पिंकी जिंदगी हार गई लेकिन मरते-मरते उसने अपनी आंखें दान कर दीं। पति और ससुराल वालों ने इतना पीटा कि महज 21 साल की उम्र में पिंकी ने बुधवार की देर रात पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में दम तोड़ दिया।

अब कोई आंखें न देखें दहेज दानवों का खौफ

उसके पिता मनोज राय कलपते हुए कहते हैं- मेरी लाडली हमेशा मेरी नजरों के सामने रहे, यही सोच कर मैं उसकी दोनों आंखें दान करने को तैयार हुआ। मेरी इच्छा है कि दो बेटियां मेरी पिंकी की आंखों से यह दुनिया देख सकें। हां, ईश्वर से दुआ करूंगा कि यह आंखें अब कभी दहेज के दानवों का खौफ न देखे। पीएमसीएच के नेत्र विभाग के अध्यक्ष डॉ. यूपी भदानी ने कहा कि पिंकी की आंखें दान में ली गई हैं।

कहा था, बेरहमी से पीटते हैं यहां लोग

खाजेकलां थाना क्षेत्र के गुरहट्टा स्थित हमाम लेन निवासी मनोज राय ने पुलिस के समक्ष दर्ज बयान में बताया कि पांच माह पहले उन्होंने अपनी बेटी पिंकी की शादी वैशाली के बिदुपुर में माइल पहाड़ी निवासी पंकज कुमार से की थी। अंतिम बार तीन अक्टूबर को उसे ससुराल भेजा। एक दिन फोन कर पिंकी ने कहा, 'आपने जो बाइक देने को कहा है, वह दे दीजिए। यह लोग मुझे मार डालेंगे। बेरहमी से पीटते हैं।

मनोज बताते हैं कि इसके कुछ दिन बाद 15 अक्टूबर को ससुराल वालों ने फोन किया कि आपकी बेटी की तबीयत खराब है। पहुंचा तो पिंकी अचेत अवस्था में थी। उसे 16 अक्टूबर को पीएमसीएच में भर्ती कराया। वह कुछ बोल नहीं पा रही थी। बुधवार की देर रात 2:40 बजे उसने दम तोड़ दिया। जिंदगी से जंग लड़ रही मेरी बहादुर बेटी इतनी डरी सहमी थी कि दम तोड़ते समय भी 'छोड़ दो...छोड़ दो...मुझे मत मारो ... ही कह सकी।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार पिंकी की बांह, केहुनी के नीचे, दाहिने हाथ के पंजे, पीठ समेत शरीर के अन्य हिस्सों पर चोट के काले निशान थे। पिता ने पति पंकज कुमार, ससुर दिनेश राय, सास, देवर कंचन कुमार और दो अन्य देवरों को ङ्क्षपकी की मौत के लिए आरोपित किया है।

खाजेकलां घाट पर हुआ अंतिम संस्कार

मनोज कहते हैं, ङ्क्षपकी मेरी ङ्क्षजदगी और परिवार की खुशी थी। तीन बहनों और भाई की मुस्कुराहट थी। गुरुवार की रात खाजेकलां घाट पर पिंकी का अंतिम संस्कार हुआ। पिंकी के चाचा संजीत कुमार ने मुखाग्नि दी। मनोज कहते हैं, अपनी जिंदगी की भीख मांग रही पिंकी जाते-जाते किसी बाप की दो नेत्रहीन बेटियों को रोशनी दे गई। ङ्क्षपकी मरी नहीं, सिर्फ हमसे दूर हुई है।

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