छठ की तरह ही आगे भी साफ रहा शहर तो मिट जाएगा स्‍वच्‍छता रैंकिंग में फिसड्डी रहने का दाग

पटना की स्‍वच्‍छता रैंकिंग में सुधार के लिए प्रशासन ने आमजन से मांगा सहयोग स्‍वच्‍छता सर्वेक्षण तक शहर को छठ की तरह ही साफ रखने की चुनौती प्रमंडलीय आयुक्त ने निगमायुक्त को दिया निर्देश पटना में चल रहा है स्वच्छता सर्वेक्षण

By Shubh NpathakEdited By: Publish:Sat, 21 Nov 2020 06:05 PM (IST) Updated:Sat, 21 Nov 2020 06:05 PM (IST)
छठ की तरह ही आगे भी साफ रहा शहर तो मिट जाएगा स्‍वच्‍छता रैंकिंग में फिसड्डी रहने का दाग
पटना शहर की पहचान है जंक्‍शन स्थित हनुमान मंदिर। जागरण

पटना, जेएनएन। स्‍वच्‍छता रैंकिंग में लगातार फिसड्डी रहे शहर को पटरी पर लाना नगर निगम के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। तमाम कोशिशों के बावजूद स्थिति सुधर नहीं रही। इसके पीछे प्रशासन की कार्यप्रणाली से लेकर आम लोगों की आदतें तक जिम्‍मेदार हैं। इसका उदाहरण छठ का पर्व है, जिसमें सभी के प्रयास से शहर की सूरत देखते ही बन रही है। शहर की सड़कों और गलियों से लेकर गंगा के घाट तक चकाचक हो गए हैं। अब प्रशासन की कोशिश है कि शहर को इसी हाल में हमेशा रखा जाए।

आयुक्‍त बोले- छठ की तरह ही शहर को हमेशा रखें चकाचक

प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने शनिवार को नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा को निर्देश दिया कि पटना शहर को छठ पर्व जैसा चकाचक एवं स्वच्छ रखें। पटना शहर की तस्वीर बदल गई है। अगर इसे कायम रखा जा सका तो स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर बेहतर स्थान पा लेगा।

चल रहा स्‍वच्‍छता सर्वेक्षण, आयुक्‍त ने मांगा शहरवासियों से सहयोग

नगर आयुक्त ने प्रमंडलीय आयुक्त को आश्वासन दिया कि पटना को स्वच्छ रखने का प्रयास जारी रहेगा। नगर आयुक्त ने बताया कि पटना में स्वच्छता सर्वेक्षण चल रहा है। छठ महापर्व में नागरिकों से सहयोग मिला। आगे भी सहयोग मिलेगा तो पटना शहर में कहीं भी गंदगी नहीं मिलेगी। नगर निगम भी सक्रिय रहेगा। नागरिकों को साथ देना चाहिए। इस बार स्वच्छता रैकिंग में सुधार होना ही है। हर स्तर पर कार्य चल रहा है। 2020 में  स्वच्छता के मामले में देश के सबसे गंदे शहरों में पटना का नाम है। 2021 में स्थिति बदल जाएगी।

दिसंबर में स्‍वच्‍छता के मसले पर ली जाएगी आम नागरिकों की राय

राजधानी में स्वच्छता सर्वेक्षण चल रहा है। दिसंबर में नागरिकों की राय ली जाएगी। दिसंबर तक सभी प्रकार का डाटा निगम लोड करेगा। जनवरी में केंद्रीय टीम जांच करने आएगी यानी तब तक पटना को चकाचक रखने की चुनौती है। फिलहाल छठ पर्व के दौरान राजधानी स्वत: स्वच्छ हो गई है। नगर निगम स्वच्छता रैंकिंग में सुधार के लिए लगातार कार्य कर रहा है।

डोर टू डोर कचरा उठाव व्यवस्था में अब भी दिखती हैं खामियां

इसके बाद भी डोर टू डोर कचरा उठाव व्यवस्था सुदृढ़ नहीं हो पाई है। हमेशा कचरा उठाव वाहनों के ब्रेकडाउन में जाने तथा समय पर कचरा नहीं उठाव के कारण व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। शहर के 10 फीसदी लोग जहां-तहां कचरा फेंकने का कार्य जारी रखे हैं। इस कारण शहर में जगह-जगह कचरे का ढेर है। निगम डोर टू डोर व्यवस्था में सुधार लाने के लिए वाहनों की संख्या में वृद्धि की योजना को धरातल पर उतार नहीं पाया है।

कचरा प्रबंधन के मामले में भी पीछे चल रहा नगर निगम

कचरा प्रबंधन के मामले में भी पीछे चल रहा है। सूखा और गीला कचरा अलग-अलग संग्रह करने का कार्य धरातल पर नहीं उतर पाया है। गीला कचरा के घर-घर में जैविक उर्वरक बनाने तथा सब्जी मार्केट में कचरा से उर्वरक बनाने की योजना बनी है। इस योजना को धरातल पर लाते-लाते स्वच्छता सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो जाएगा। निगम प्रदूषण में कमी लाने की योजना को भी धरातल पर नहीं ला पाया है। स्वीपिंग मशीन भाड़े पर लाकर पटना को डस्ट मुक्त बनाने की योजना है।

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