पटना के चारुलता हत्याकांड में पति को दस साल का कठोर कारावास, पांच साल पहले दहेज के लिए हुई थी हत्‍या

पटना सिविल कोर्ट (फास्ट ट्रैक) के न्यायाधीश जयप्रकाश सिंह की अदालत ने सुनाई सजा दहेज नहीं देने पर कर दी गई थी महिला बैंक अधिकारी चारुलता की हत्या पांच साल के बाद आया मामले में कोर्ट का फैसला

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Sat, 27 Mar 2021 12:29 PM (IST) Updated:Sat, 27 Mar 2021 12:29 PM (IST)
पटना के चारुलता हत्याकांड में पति को दस साल का कठोर कारावास, पांच साल पहले दहेज के लिए हुई थी हत्‍या
पटना में न्‍यायालय ने दहेज हत्‍या के मामले में सुनाई सजा। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, न्यायालय संवाददाता। Patna News: करीब पांच साल पहले पटना में एक महिला की दहेज के लिए हत्‍या कर दी गई थी। दहेजलोभियों का शिकार होने वाली महिला कोई साधारण नहीं थी, बल्कि बैंक में अधिकारी थी। इसके बावजूद दहेज के लोभियों ने उसकी जान लेने में जरा भी संकोच नहीं किया। यह हत्‍या हुई थी बैंक पीओ चारु उर्फ चारुलता मौआर की। इस दहेज हत्याकांड के मामले में पटना सिविल कोर्ट (फास्ट ट्रैक) के न्यायाधीश जयप्रकाश सिंह की अदालत ने पति को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पत्रकारनगर थाना क्षेत्र के गांधीनगर कांटी फैक्ट्री रोड निवासी मृत्युंजय देव साकेत उर्फ गुंजन है। यह मामला दहेज लोभियों के लिए नजीर है। पटना में यह मामला काफी चर्चित रहा था।

बैंक ऑफ बड़ौदा में पीओ के पद पर थी कार्यरत

चारुलता कंकड़बाग स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा में पीओ के पद पर कार्यरत थीं। उनकी शादी 27 जून, 2012 को हुई थी। उनके पिता ने शादी के समय 20 लाख रुपये नकद, दस लाख के जेवरात और पांच लाख रुपये के घरेलू सामान उपहार स्वरूप दिए थे।

पति और ससुराल वाले मांग रहे थे 15 लाख रुपये

मृतका के मायके वालों के मुताबिक शादी के बाद पति और उसके ससुराल वाले दहेज के रूप में अतिरिक्त 15 लाख रुपये की मांग कर रहे थे। दहेज नहीं देने पर चारु को पति और ससुराल वालों ने शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताडि़त करना शुरू कर दिया। यहां तक कि दहेज के लिए हत्या कर दी गई।

पत्रकारनगर थाने में दर्ज हुआ था यह मामला

इस संबंध में पत्रकारनगर थाना कांड संख्या 214/16 दर्ज किया गया था। पुलिस ने अन्य आरोपितों के खिलाफ अनुसंधान जारी रखते हुए 21अक्टूवर 2016 को पति के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 17 लोगों ने गवाही दी।

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