Locust Attack Bihar: पटना पहुंचा टिड्डियों का दल, राजधानी में हाई अलर्ट; मंत्री ने की हालात की समीक्षा

Locust Attack Bihar पाकिस्‍तानी टिडि़डयाें का दल उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों से होते हुए बिहार के पटना जिले तक पहुंच गया है। इसे लेक बिहार में हाई अलर्ट है।

By Amit AlokEdited By: Publish:Mon, 29 Jun 2020 11:30 AM (IST) Updated:Mon, 29 Jun 2020 07:58 PM (IST)
Locust Attack Bihar: पटना पहुंचा टिड्डियों का दल, राजधानी में हाई अलर्ट; मंत्री ने की हालात की समीक्षा
Locust Attack Bihar: पटना पहुंचा टिड्डियों का दल, राजधानी में हाई अलर्ट; मंत्री ने की हालात की समीक्षा

पटना, राज्य ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों से टिड्डियों का दल अरवल होते हुए पटना जिले में पहुंच गया है। जिले के बिक्रम और पाली में टिड्डियों के पहुंचने की सूचना है। राजधानी को टिड्डियों के हमले से बचाने के लिए अलर्ट कर दिया गया है। विभागीय मंत्री ने हालात की समीक्षा की है। कृषि सचिव समेत विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और पटना के जिलाधिकारी खुद निगरानी कर रहे हैं। 

अभी तक फसलों को नहीं पहुंचा है नुकसान 

कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने रविवार को लगातार दूसरे दिन भी विभागीय समीक्षा की और टिड्डियों से निपटने के लिए तमाम उपाय करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अभी तक ट्ड्डियों से फसलों को नुकसान नहीं पहुंचा है। सरकारी स्तर से पर्याप्त उपाय कर लिए गए हैं। मौके पर अधिकारी-कर्मचारी कैंप किए हुए हैं।

बीते दिन मार दिए गए अधिसंख्‍य टिड़डी 

कृषि मंत्री ने कहा कि बचाव दल की तत्परता के कारण भोजपुर में दो दिन पहले करीब एक लाख टिड्डियों में से अधिसंख्य को मार दिया गया था, लेकिन उनमें से 30 से 40 हजार टिड्डी बचकर निकल भागे हैं। भोजपुर के सहार और अगिआंव प्रखंड में उन्हें देखा गया था, जो पूर्व की तरफ उड़ते हुए अरवल जिले को पार कर पटना के बिक्रम और पाली तक पहुंच गए हैं। अरवल और पटना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। कृषि विभाग की ओर से मुख्यालय एवं क्षेत्रीय पदाधिकारियों के स्तर से लगातार नजर रखी जा रही है। अभी तक फसलों को किसी तरह की क्षति नहीं है। 

दूसरे दल को भागते देखा गया 

पश्चिम चंपारण जिला के मधुबनी और ठकराहा प्रखंड में कीटनाशक का छिड़काव किया गया, जिसके बाद टिड्डियों के दल को दोपहर करीब डेढ़ बजे के आसपास यूपी के तमकुही के तरफ जाते देखा गया है। मौके पर अधिकारी अभी कैंप कर रहे हैं। टिड्डयों को मारने और भगाने का प्रयास किया जा रहा है। बगहा प्रखंड के चौतरवा और नौतन प्रखंड में नदी किनारे की विश्वंभरपुर और धूमनगर पंचायतों में भी टिड्डियों के एक छोटे समूह को उड़ते देखा गया है। 

अग्निशमन की गाडिय़ां की गईं तैनात

पंचायत स्तर पर किसानों को परंपरागत तरीके से टिड्डियों को भगाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इकट्ठा होकर ग्रामीण ढोल-नगाड़े और टीन बजाकर भगा भी रहे हैं। पटना समेत खतरे की आशंका वाले अन्य क्षेत्रों में कीटनाशक, स्प्रेयर्स, फायर ब्रिगेड की गाड़ी एवं ट्रैक्टर आदि की व्यवस्था कर ली गई है। सर्वेक्षण दल लगातार निगरानी कर रहे हैं। जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। टिड्डियों के आश्रय स्थल को चिह्नित कर  अग्निशमन की गाडिय़ां तैनात कर दी गई हैं। साथ ही कृषि वैज्ञानिकों से सहयोग लिया जा रहा है।

सोन के तटीय इलाके  में हाई अलर्ट 

सोन के तटीय इलाके में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। रविवार को अरवल के जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार ने प्रखंड सभागार में प्रखंड विकास पदाधिकारी, किसानों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर टिड्डी के प्रकोप व फसलों को बचाने को लेकर रणनीति बनाई और दिशानिर्देश जारी किया। 

गाइडलाइन के अनुसार एक साथ ढोल-नगाड़े, टिन के डब्बों को बजाने तथा शोर मचाने पर टिड्डी भाग जाता है। इसके अलावा यदि फसलों पर टिड्डी दिखाई देती है तो क्लोरोपायरीफोस 20 ईसी दवा 3 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर फसलों पर छिड़काव किया जा सकता है। ध्यान रहे कि दवा छिड़काव का उचित समय रात के 11 बजे से सूर्योदय के पहले तक होता है।

फसल के अलावा पेड़ की छाल तक खा जाती है रेतीली टिड्डी

डीएओ ने बताया कि पीले रंग की दिखने वाली रेतीली टिड्डी फसल के अलावा पेड़, पौधों की पत्तियां, तने और छाल तक खा जाती है। यह हवा की दिशा में ही उड़ती है। सूरज डूबने या सूर्य की रोशनी समाप्त होने के उपरांत ही टिड्डिया फसलों पर आकर बैठती है और फसलों की पत्तियां समेत समूचे पौधों को व्यापक स्तर पर समूल खाकर नष्ट कर देती है।उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों को गांव व पंचायत स्तर पर  जागरूकता अभियान चलाने का भी निर्देश दिया।

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