नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय छठ का आगाज, इसबार घर में रहकर ऐसे करें पूजा

नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय छठ व्रत अनुष्ठान आरंभ हो गया। व्रत को लेकर पूजन सामग्री की दिक्कत हो रही लेकिन भक्त संसाधान को छोड़ भक्ति भाव से छठी मइया को प्रसन्न कर रहे हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sat, 28 Mar 2020 08:22 AM (IST) Updated:Sat, 28 Mar 2020 08:22 AM (IST)
नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय छठ का आगाज, इसबार घर में रहकर ऐसे करें पूजा
नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय छठ का आगाज, इसबार घर में रहकर ऐसे करें पूजा

पटना, जेएनएन। नहाय-खाय के साथ आज से यानी शनिवार से चार दिवसीय छठ व्रत अनुष्ठान आरंभ हो गया। कोरोना वायरस के प्रकोप को लेकर भले ही सरकार ने गंगा सहित तमाम नदियों पर भक्तों को जाने पर पूर्ण पाबंदी लगा दी हो लेकिन लोक आस्था का प्रतीक कहे जाने वाला चैत छठ व्रत को लोग अपने घरों में रहकर पूरा करेंगे। 

संसाधन छोड़कर भक्ति भाव से मइया को करेंगे प्रसन्न

व्रत को लेकर पूजन सामग्री की भी दिक्कत हो रही लेकिन भक्त संसाधान को छोड़ भक्ति भाव से छठी मइया को प्रसन्न करने के लिए कठिन व्रत करेंगे। लोक आस्था का महापर्व छठ चैत्र शुक्ल चतुर्थी के नहाय-खाय से आरंभ होकर 31 मार्च को समाप्त होगा। पंडित राकेश झा ने कहा कि छठ व्रत पर ग्रह-गोचरों का भी बेहतर संयोग बन रहा है। सोमवार 30 मार्च को सायंकालीन अर्घ्य सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग एवं 31 मार्च मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य पर द्विपुष्कर योग में व्रती भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे। इसके साथ 31 मार्च को छठ व्रत संपन्न होगा। 

नहाय-खाय एवं खरना के प्रसाद से दूर होते कष्ट

छठ महापर्व के प्रथम दिन नहाय-खाय में लौकी की सब्जी, अरवा चावल, चने की दाल, आंवला की चासनी के सेवन का खास महत्व है। वहीं खरना का प्रसाद व्रती गुड़, दूध व चावल को मिलकार बनाने के साथ छठी मैया को भोग लगाएंगे। ऐसा माना जाता है कि नहाय-खाय एवं खरना के प्रसाद ग्रहण करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं। चार दिनों तक व्रती पर छठी मैया की कृपा बनी रहती है।

प्रत्यक्ष देव भास्कर को प्रिय है सप्तमी तिथि

पंडित झा ने बताया कि प्रत्यक्ष देव भगवान भास्कर को सप्तमी तिथि अत्यंत प्रिय है। विष्णु पुराण के अनुसार तिथियों के बंटवारे के समय सूर्य को सप्तमी तिथि प्रदान की गई। इसके साथ ही सूर्य षष्ठी का व्रत आरोग्यता, सौभाग्य व संतान के लिए किया जाता है। 

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