दुर्गा पूजा समितियों को लग सकता है 10 हजार तक का जुर्माना, पटना के डीएम ने दी है स्‍पष्‍ट हिदायत

प्रतिमा में प्रदूषण वाली सामग्री का उपयोग वर्जित विसर्जन के 48 घंटे बाद बाद पानी की होगी जांच। तालाबों से पूजा समिति को टैग करने का निर्देश। नगर निगम ठोस अपशिष्ट निकाल कर करेगा प्रबंधन। अधिनियम की अवहेलना करने पर जुर्माने का प्रविधान

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 06:36 AM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 06:36 AM (IST)
दुर्गा पूजा समितियों को लग सकता है 10 हजार तक का जुर्माना, पटना के डीएम ने दी है स्‍पष्‍ट हिदायत
पटना के पीरमुहानी में स्‍थापित देवी दुर्गा की भव्‍य प्रतिमा। जागरण

जितेंद्र कुमार, पटना। मूर्ति विसर्जन अधिनियम 2021 के प्रविधान का उल्लंघन करने वाली पूजा समितियों को इस बार 10 हजार रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा। जल प्रदूषण नियंत्रण के लिए लागू किए गए इस अधिनियम की धारा 11 के तहत जुर्माना का प्रविधान कर दिया गया है। नगर निगम को इस अधिनियम के तहत पूजा समितियों को अलग-अलग तालाब में मूर्ति विसर्जन के लिए टैग करना है। गंगा सहित किसी नदी में मूर्ति प्रवाहित करना वर्जित कर दिया गया है। 

पूजा समिति को देना होगा शपथ पत्र 

प्रदूषण नियंत्रण के लिए लागू नए अधिनियम के तहत पटना नगर निगम को तालाब का निर्माण करना है। मूर्तियों में उपयोग किए गए सिंथैटिक कपड़े, आभूषण, सजावट की वस्तुओं और पूजा सामग्री के साथ फूलों को अलग करना है। पूजा समितियों को घोषणा पत्र देना है कि मूर्ति में प्लास्टर आफ पेरिस, पारा, मैग्नीशियम, आर्सेनिक, कांच, कृत्रिम रंग और क्रोमियम जैसे तत्व का उपयोग नहीं किया गया है। विसर्जन स्थल पर प्रतिमा से अलग की गई सामग्री को जलाना पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। 

नगर निगम को 48 घंटे का दिया गया है समय 

नगर निगम को जिम्मेदारी दी गई है कि प्रतिमा विसर्जन के बाद जमा ठोस अपशिष्ट जैसे पुआल, लकड़ी, कील और जूट जैसी सामग्री को एकत्र कर कचरा प्रबंधन स्थल ले जाएगा। इसके लिए 48 घंटे का समय निगम को दिया जाएगा। नियमावली में मूर्ति विसर्जन करने वाले पूजा समिति पर शुल्क लगाने का अधिकार नगर निगम और नगर निकायों को होगा। 

पानी की गुणवत्ता जांच और रिपोर्ट 

मूर्ति विसर्जन वाले स्थल की तीन बार पानी की गुणवत्ता जांच होगी। पहली बार तालाब का निर्माण करने के बाद, दूसरी बार मूर्ति विसर्जन के दौरान। विसर्जन के बाद पानी की जांच कर रिपोर्ट प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की वेबसाइट पर अपलोड कराना है। पानी में पीएच, बायो केमिकल आक्सीजन डिमांड, टोटल सालिड और मेटल, पारा, कांच और कंडक्टिविटी का पता लगाना है। 

नियमावली के अनुपालन पर प्रशासन की नजर 

जिलाधिकारी डा. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन प्रक्रिया नियमावली 2021 सरकार के आदेश से बीते चार अक्टूबर को प्रभावी हो गया है। नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत के साथ सभी संबंधित प्राधिकार को मूर्ति विसर्जन के लिए तालाब निर्माण, विसर्जन के लिए टैगिंग और कचरा प्रबंधन के दिशा निर्देश का अनुपालन का निर्देश दे दिया गया है। यदि नियमावली के उल्लंघन का मामला आएगा तो नियमानुसार कार्रवाई होगी। 

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