बीए-बीएड में सीट से दोगुना आवंटन, फिर भी 82% खाली, दोबारा हाेगी काउंसलिंग; शेड्यूल जल्‍द

चार वर्षीय बीए-बीएड कोर्स के लिए शिक्षण संस्थानों को छात्र नहीं मिल रहे हैं। 82 परसेंट सीटें खाली रह गई हैं। राज्‍यपाल ने नोडल एजेंसी को दोबारा काउंसलिंग के लिए पत्र भेजा है।

By Rajesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 05 Feb 2020 05:31 PM (IST) Updated:Thu, 06 Feb 2020 11:49 PM (IST)
बीए-बीएड में सीट से दोगुना आवंटन, फिर भी 82% खाली, दोबारा हाेगी काउंसलिंग; शेड्यूल जल्‍द
बीए-बीएड में सीट से दोगुना आवंटन, फिर भी 82% खाली, दोबारा हाेगी काउंसलिंग; शेड्यूल जल्‍द

पटना [जयशंकर बिहारी]। चार वर्षीय बीए-बीएड कोर्स के लिए शिक्षण संस्थानों को छात्र नहीं मिल रहे हैं। राजभवन ने बीएड कॉलेजों की गुहार पर नोडल एजेंसी नालंदा खुला विश्वविद्यालय (एनओयू) को दोबारा काउंसलिंग आयोजित करने के लिए पत्र भेजा है।

दरअसल, एनओयू के अनुसार बीए-बीएड के लिए कुल निर्धारित सीट से दोगुना अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के बाद संबंधित कॉलेजों में नामांकन के लिए भेजा था। लेकिन, 18 परसेंट छात्र ही नामांकन ले सके हैं। एनओयू के रजिस्ट्रार (परीक्षा) डॉ. संजय कुमार ने बताया कि इस संबंध में राजभवन से पत्र प्राप्त हुआ है। 15 फरवरी तक काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। चार वर्षीय बीए-बीएड सीईटी में क्वालीफाई अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। 11 फरवरी से काउंसिलिंग प्रारंभ होने की संभावना है। काउंसलिंग शेड्यूल जल्द ही वेबसाइट (www.nalandaopenuniversity.com) पर अपलोड होगा। 

चार माह बाद शुरू होगी दोबारा काउंसिलिंग 

चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन 15 सितंबर को किया गया था। इसमें 400 सीटों के लिए 20 हजार से अधिक अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। रिजल्ट का प्रकाशन 20 सितंबर तथा काउंसिलिंग 23 सितंबर से प्रारंभ हुई। सीट नहीं भरने पर निर्धारित शिड्यूल में संशोधन कर दोबारा काउंसिलिंग आयोजित की गई।

अक्‍टूबर में काउंसिलिंग के लिए की थी मांग 

एनओयू के अनुसार, दो बार में 400-400 अभ्यर्थियों को नामांकन के लिए भेजा गया था। अभ्यर्थी अभिषेक मिश्रा ने बताया कि एनओयू से अक्टूबर में ही काउंसिलिंग कराने की मांग की गई थी, लेकिन कुल सीट से तीन गुना अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग के नियम का हवाला देकर अनसुनी कर दी गई थी। एनओयू और राजभवन पहले सजग होता तो इच्छुक छात्रों का चार माह बर्बाद नहीं होता।   

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और फीस बनी बाधा

सीट आवंटन के बाद भी बीएड कॉलेजों में नामांकन नहीं लेने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि चार साल के कोर्स के लिए लगभग चार लाख रुपये फीस निर्धारित किए गए हैं। आवासन व अन्य खर्च अलग हैं। इतनी राशि खर्च होने के बाद भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नदारद है। राजभवन ने एनओयू से सीट आवंटन के बाद भी अभ्यर्थियों के नामांकन नहीं लेने के कारणों की पड़ताल कर रिपोर्ट करने को कहा है।  

chat bot
आपका साथी