घर में ही सिमटा राष्ट्रपति भवन तक मिठास घोलने वाला दुधिया मालदह

कभी राष्ट्रपति भवन तक अपनी खुशबू बिखेर चुका है दीघा का दुधिया मालदह आम

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Jun 2020 11:35 PM (IST) Updated:Fri, 26 Jun 2020 11:35 PM (IST)
घर में ही सिमटा राष्ट्रपति भवन तक मिठास घोलने वाला दुधिया मालदह
घर में ही सिमटा राष्ट्रपति भवन तक मिठास घोलने वाला दुधिया मालदह

नीरज कुमार, पटना। कभी राष्ट्रपति भवन तक अपनी खुशबू बिखेरने वाला दीघा का दुधिया मालदह आम वर्तमान में अस्तित्व की लड़ाई लड़ने को विवश है। राजधानी की दीघा बस्ती एवं आसपास के इलाकों में लगभग एक हजार एकड़ में फैला दुधिया मालदह का बगीचा बहुत तेजी से सिमटा है। अब तो यह कुछ एकड़ों में ही बच गया है। बढ़ते शहरीकरण से दीघा के आम को सर्वाधिक नुकसान पहुंचाया है। आवास बोर्ड द्वारा जमीन अधिग्रहण करने से भी आम के बगीचे पर बहुत बुरा असर पड़ा था। डॉ. राजेंद्र प्रसाद को बहुत पसंद था दुधिया मालदह

दीघा के वरिष्ठ किसान एवं पूर्व मुखिया चंद्रवंशी सिंह का कहना है कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को दीघा के दुधिया मालदह आम बेहद पसंद था। जब तक वे राष्ट्रपति रहे दीघा के किसान, उन्हें दुधिया मालदह आम भेजते रहे। मालदह आम को न केवल वे स्वयं खाते थे, बल्कि कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों को भी उपहार स्वरूप भेजते थे। इसके अलावा देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू सहित कई मंत्रियों को भी दुधिया मालदह आम देते थे। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी दीघा के दुधिया मालदह को खूब पसंद करती थीं।

अपने स्वाद के लिए पसंद किया जाता दुधिया मालदह

दीघा का दुधिया मालदह आम अपने स्वाद के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इस आम को लोग बेहद पसंद करते हैं। इसका स्वाद देश के अन्य प्रजाति के आमों से बिल्कुल अलग है। पतली गुठली (बीज) और पतला छिलका की इसकी विशेष पहचान है। इसका मिठास भी अलग तरह का है।

घरों में ही बढ़ा रहे शोभा

शहरीकरण के कारण दीघा के दुधिया मालदह आम को काफी नुकसान पहुंचा है। बगीचा काटकर लोग तेजी से घर बनाते जा रहे हैं। ऐसे में दीघा में दुधिया मालदह आम के बगीचे को बचाना काफी मुश्किल है। अब तो लोग अपने खाने के लिए घरों में ही दीघा दुधिया मालदह आम के पौधे लगा रहे हैं।

हार्टीकल्चर कॉलेज कर रहा शोध

नूरसराय स्थित राज्य का एक मात्र हार्टीकल्चर कॉलेज दीघा के दुधिया मालदह आम पर रिसर्च करना शुरू कर दिया है। हार्टीकल्चर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. पंचम कुमार सिंह का कहना है कि दीघा का दुधिया मालदह अपने स्वाद के लिए काफी पसंद किया जाता है। कॉलेज के विज्ञानियों की टीम आम के पौधे से लेकर फल तक की जांच कर रही है। इसके संरक्षण के लिए सरकार को सुझाव दिया जाएगा।

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