स्कॉर्पियो में घुमाकर वसूल लिया था तीन लाख

रामकृष्ण नगर थाना के कोली मोड़ पर किराए का मकान लेकर रहने वाले दो युवकों के परिजनों से फिरौती वसूली।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Jan 2020 01:43 AM (IST) Updated:Fri, 17 Jan 2020 01:43 AM (IST)
स्कॉर्पियो में घुमाकर वसूल लिया था तीन लाख
स्कॉर्पियो में घुमाकर वसूल लिया था तीन लाख

पटना (फुलवारीशरीफ) : रामकृष्ण नगर थाना के कोली मोड़ पर किराए का मकान लेकर रहने वाले दो युवकों के परिजनों से तीन लाख की फिरौती छह युवकों ने उन्हें घुमाकर ही वसूल ली। विकास और मोहित को उठाकर ले जाने वाले सन्नी, विकास कुमार, शिबू कुमार, बिटू कुमार, सूरज कुमार और सुमित कुमार इन दोनों को पहले से जानते पहचानते थे।

सभी आरोपी साइबर क्राइम का धंधा करते हैं। विकास और मोहित के ठिकाने का पता लगाकर दोनों को उठाने के लिए बिहारशरीफ से निकले थे। वह कोहली मोड़ पहुंचे ही थे कि विकास और मोहित बाजार से सब्जी लेकर आते रास्ते में ही दिख गये। पहचान होने पर बैठ गए गाड़ी में, बाद में पता चला हो गया है अपहरण:

पहले से जान पहचान होने के कारण दोनों स्कार्पियो में बैठ गये। इन्हें पता नहीं था कि इनका अपहरण किया जा रहा है। कुछ दूर जाने के बाद जब मारपीट और गाली देना सभी ने शुरू किया, तो दोनों के होश उड़ गए। दोनों ने देखा कि बच पाना संभव नहीं है, तब अपने-अपने पिता को फोनकर जान बचाने के लिए तीन लाख की व्यवस्था जल्द करने को कहा। रात में ही मोहित व विकास के पिता पैसों की व्यवस्था कर बताए हुए स्थान पर गांव वालों के साथ पहुंच गए। 20 हजार देकर पुलिस को बुलाने की थी योजना:

गांव वालों ने मोहित के पिता को बताया था कि आप बीस हजार लेकर ही अपहरणकर्ताओं के पास जाएं। तबतक पुलिस आ जायेगी। इधर, जब पिता स्कार्पियो के पास पहुंचे तब छह युवकों ने उनके बेटे को दिखाते हुए कहा की पूरा पैसा दे दो वरना बेटे की जान ले लेंगे। यह बात सुनकर मोहित के पिता डर गए और तीन लाख दे दिया।

लालच बढ़ा और चढ़ गए पुलिस के हत्थे: अपहरण के महज कुछ ही घंटों में तीन लाख मिलने के बाद आरोपितों का लालच बढ़ गया। इसके बाद पांच लाख की और मांग कर दी। तबतक पुलिस ने पीछा शुरू कर दिया था। पुलिस को देख रात का लाभ उठाते हुए अपहरण करने वालों में शामिल विकास कुमार, शिबू कुमार, बिटू, सूरज और सुमित फरार हो गया। सन्नी स्कार्पियो से उतरने के कारण पुलिस के हत्थे चढ़ गया। वहीं मुक्त होने के बाद विकास और मोहित ने चालाकी से कारनामों का साक्ष्य ही मिटा दिया।

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