नवादा में घर में डकैती का विरोध करना वृद्ध को पड़ा महंगा, पीट-पीटकर ले ली जान

बिहार के नवादा में डकैती के दौरान वृद्ध की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। मृतक के चेहरे पर पिटाई के गहरे जख्म के निशान हैं। सिर भी फटा हुआ है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sun, 13 Sep 2020 08:04 PM (IST) Updated:Sun, 13 Sep 2020 08:22 PM (IST)
नवादा में घर में डकैती का विरोध करना वृद्ध को पड़ा महंगा, पीट-पीटकर ले ली जान
नवादा में घर में डकैती का विरोध करना वृद्ध को पड़ा महंगा, पीट-पीटकर ले ली जान

नवादा, जेएनएन। नगर थाना क्षेत्र के आइटीआइ के समीप शिवनगर मोहल्ले में शनिवार की रात डकैती के दौरान वृद्ध की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। मृतक 60 वर्षीय उमेश सिंह हैं। वे घर के बगल में खटाल चलाकर अपना जीवनयापन कर रहे थे। मृतक के चेहरे पर पिटाई के गहरे जख्म के निशान हैं। सिर भी फटा हुआ है। संभावना है कि किसी भारी सामान से सिर पर हमला किया गया। इधर, डकैतों द्वारा ले जाए गए सामानों की अनुमानित कीमत के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है। मृतक मूलत: रूपौ थाना क्षेत्र के धनवां गांव निवासी थे। नवादा में अकेले रहा करते थे। 

काफी देर नहीं खुला दरवाजा तो पड़ोसियों को हुआ शक

बताया जाता है कि सुबह जब वे घर से बाहर नहीं निकले। तब लोगों को शक हुआ। दरवाजा काफी देर तक खटखटाने के बाद भी भीतर से कोई आवाज नहीं आई। तब कुछ लोग छत से होते हुए घर में गए तो देखा कि बिस्तर पर उमेश का शव पड़ा हुआ है और कमरे का सामान बिखरा पड़ा है। खबर मिलते ही मोहल्ले में सनसनी फैल गई। काफी संख्या में लोगों की भीड़ वहां जुट गई। स्थानीय लोगों ने आशंका व्यक्त की कि डकैती के दौरान विरोध करने पर ही पीट-पीटकर हत्या कर दी गई होगी। घटना की सूचना मिलते ही सदर एसडीपीओ उपेंद्र प्रसाद, नगर थानाध्यक्ष तारकेश्वर नाथ तिवारी समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी वहां पहुंच गए। एसडीपीओ ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान पुलिस को स्थानीय लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। मोहल्लेवासियों ने तकरीबन दो-तीन घंटों तक शव को उठने नहीं दिया। लोगों ने श्वान दस्ता और फोरेंसिक टीम को बुलाने की मांग की। अधिकारियों के काफी समझाने-बुझाने के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया। 

मृतक के भतीजे ने दर्ज कराई प्राथमिकी

मृतक के भतीजे रामानुज सिंह ने घटना के बाबत प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिसमें अज्ञात को आरोपित किया गया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि मृतक उमेश पिछले तीस सालों से आइटीआइ के समीप शिवनगर में रह रहे थे और खटाल चलाकर जीवन व्यतीत कर रहे थे। हालांकि उन्होंने डकैती गए सामानों के संबंध में जानकारी नहीं दी है। उन्होंने कहा है कि मृतक जिस घर में सोऐ हुए थे, वे उनके एक अन्य चाचा महेश्वरी सिंह का मकान है। वे धनबाद में रहते हैं। उनके नवादा आने पर ही डकैती गए सामानों के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी।

मामले की छानबीन में जुटी पुलिस

सदर एसडीपीओ उपेंद्र प्रसाद ने बताया कि मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है। हरेक बिंदुओं पर जांच चल रही है। अनुसंधान के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। इधर नगर थाने की पुलिस ने मृतक के घर के पीछे एक प्लास्टिक से साठ हजार रुपये बरामद किए हैं।

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