बिहार में अपराधी हुए बेखौफ, ढ़ूंढ़ने वाले कुत्ते खा-खाकर हो गए मोटे, जानिए

अपराध पर लगाम और अपराधियों की नकेल कसने के लिए लाए गए कुत्ते अपराधियों को पकड़ने में नाकाम हैं। बिहार पुलिस के डॉग स्क्वॉड में शामिल इन कुत्तों का वजन लगातार बढ़ रहा है।

By Kajal KumariEdited By: Publish:Thu, 09 Aug 2018 09:21 AM (IST) Updated:Thu, 09 Aug 2018 11:08 PM (IST)
बिहार में अपराधी हुए बेखौफ, ढ़ूंढ़ने वाले कुत्ते खा-खाकर हो गए मोटे, जानिए
बिहार में अपराधी हुए बेखौफ, ढ़ूंढ़ने वाले कुत्ते खा-खाकर हो गए मोटे, जानिए

पटना [राजीव रंजन]। वैसे तो बिहार पुलिस के लिए अपराध नियंत्रण और अपराधियों की गिरफ्तारी दोनों चुनौती वाले विषय रहे हैं, लेकिन आश्चर्य तब होता है जब अपराध पर लगाम और अपराधियों की नकेल कसने के लिए बिहार पुलिस के अधिकारी उपलब्ध संसाधनों के इस्तेमाल में भी रूचि नहीं लेते।

इन्हीं कारणों से बिहार पुलिस के डॉग स्क्वॉड में शामिल विदेशी नस्ल के कुत्तों का वजन लगातार बढ़ रहा है। पुलिस महकमे को अब यह डर सताने लगा है कि कहीं बढ़ता वजन इन खोजी कुत्तों की कार्यक्षमता को प्रभावित न कर दे।

बिहार पुलिस ने लंबी कवायद के बाद डॉग स्क्वॉड का विस्तार किया है। डॉग स्क्वाड राज्य के सभी 11 पुलिस रेंज डीआइजी को उपलब्ध कराए गए हैं। लेकिन आपराधिक घटनाओं की जांच में इन प्रशिक्षित कुत्तों की मदद नहीं लिए जाने से ये मोटापे का शिकार हो रहे हैं। डॉग स्क्वॉड के रख-रखाव से जुड़े सूत्रों की मानें तो इन कुत्तों के वजन में 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। 

 

चोरी व दुष्कर्म जैसे मामले सुलझा चुके हैं खोजी कुत्ते

पटना सेंट्रल पुलिस रेंज में इनका बेहतर इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके परिणाम भी मिले हैं। पिछले साल गया में चोरी व दुष्कर्म का एक मामला इन्हीं खोजी कुत्तों ने सुलझाया था और अपराधियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित हो सकी थी। विगत मई माह में पटना से चोरी हुई अष्टधातु की बेशकीमती मूर्ति की भी इन्हीं कुत्तों ने तलाश की थी। साथ ही पुलिस को चोर तक पहुंचाया था।

 

 क्या कहते हैं एडीजी 

सीआइडी के अपर पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने बताया कि हमने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को कई बार निर्देश जारी किया है कि वे चोरी, लूट, डकैती, हत्या व अपहरण जैसे वारदातों की जांच में डॉग स्क्वॉड की मदद लें। लेकिन अधिकतर जिलों के एसपी इसमें दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। ऐसे में न तो उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल हो पाता है और न ही इन कुत्तों को लगातार काम पर लगाया जा रहा है। 

1955 में गठित हुआ था डॉग स्क्वॉड

बिहार पुलिस के डॉग स्क्वॉड का गठन वर्ष 1955 में लेब्राडोर नस्ल के एक विदेशी कुत्ते से हुआ था। अभी बिहार पुलिस के पास कुल 50 विदेशी नस्ल के कुत्तों का बेड़ा है। इनमें 30 नर तथा 20 मादा हैं। जल्द ही बिहार पुलिस को 20 और स्निफर डॉग की टीम उपलब्ध होने वाली है।

इन बीस कुत्तों को फिलहाल तेलंगाना पुलिस द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है। ये सभी बीस कुत्ते शराब की गंध सूंघकर जमीन के अंदर या किसी भी स्थान पर रखी गई शराब को पकडऩे में माहिर होंगे।

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