बिहार में भ्रष्ट लोकसेवकों की मौज, RTI में बताया 34 भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज पर सजा की सूचना नहीं दी

आरटीआई में निगरानी विभाग ने कई सवालों से जुड़ीं सूचनाएं नहीं दी हैं। हालांकि रिश्वत लेते पकड़े गए लोकसेवकों में से सिर्फ दो के नाम ही बताए हैं। ऐसे में समझा जा सकता है लोकसेवकों को सजा और संपत्ति जब्ती के नाम पर सिर्फ कागजी कार्रवाई हो रही है।

By Dina Nath SahaniEdited By: Publish:Fri, 09 Dec 2022 08:07 PM (IST) Updated:Fri, 09 Dec 2022 08:07 PM (IST)
बिहार में भ्रष्ट लोकसेवकों की मौज, RTI में बताया 34 भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज पर सजा की सूचना नहीं दी
निगरानी विभाग ने एक आरटीआई के जवाब में रिश्वत लेते पकड़े गए लोकसेवकों में से सिर्फ दो नाम बताए हैं।

पटना, दीनानाथ साहनी। बिहार में भ्रष्ट लोकसेवकों की मौज है। ऐसे लोकसेवकों को सजा और संपत्ति जब्ती के नाम पर सिर्फ कागजी कार्रवाई हो रही है। ऐसे 34 लोकसेवक हैं जिन पर भ्रष्टाचार के मुकदमे दर्ज हैं। इनमें आईएएस, आईपीएस, बिहार प्रशासनिक सेवा के अफसर से लेकर इंजीनियर तक शामिल हैं।

कईयों पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा विजिलेंस ब्यूरो ने दर्ज कर रखा है तो कई लोकसेवक रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचे गए हैं और उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ है। ये मुकदमे वर्ष 2010 से लेकर 2022 (अक्टूबर) के बीच दर्ज हुए हैं। लोक सूचना का अधिकार कानून के तहत मांगी गई सूचना में निगरानी विभाग ने इसकी जानकारी दी है।

आरटीआई कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब में निगरानी विभाग ने कई सूचनाएं सार्वजनिक करने से इंकार किया है। कितने भ्रष्ट लोकसेवकों की संपत्ति जब्त की गई, कितने को सजा हुई, ऐसे कितने अफसर वर्तमान में कहां और किन पदों पर तैनात हैं?

इन प्रश्नों के संबंध में सूचना नहीं देने का कारण विभाग ने नहीं बताया है। रोचक यह है कि जो सूचनाएं दी गईं वो आधी-अधूरी हैं। रिश्वत लेने वाले लोकसेवकों की सूची लंबी है पर निगरानी विभाग ने रिश्वत लेते पकड़े गए मात्र दो लोकसेवकों के नाम को ही सार्वजनिक किया है। पुलिस अफसरों के नाम और उनसे जुड़े अपराधिक रिकॉर्ड को भी देने से इंकार किया है।

भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरे गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार और भोजपुर के एसपी रहे राकेश दुबे के खिलाफ हुए मुकदमे से संबंधित ब्योरा नहीं दिया गया है। शिवप्रकाश राय ने भ्रष्ट लोकसेवकों से संबंधित मांगी गई पूरी जानकारी नहीं दिए जाने पर अब पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने का फैसला लिया है।

भ्रष्ट लोकसेवकों के नाम व दर्ज केस

विशेष निगरानी इकाई ने रिश्वत लेते और आय से अधिक संपत्ति के मामले में जिन लोकसेवकों पर मुकदमा दर्ज है, केवल उसकी सूचना वर्षवार दी है। इसके मुताबिक आय से अधिक संपत्ति मामले में अवधेश कुमार सिंह (कांड संख्या 1/2010), देवेंद्र प्रसाद (01/2013), आरबी चौधरी (01/2014), शारदेनु भुषण (01/2015), बरून शिवदर (02/2016), एआर मिश्रा (03/2014), बीसीपी सिंह (02/2014), केपी सिंह (01/2016), दिगम्बर प्रसाद तिवारी (04/2014), रविकांत तिवारी (02/2015), अवधेश कुमार ओझा (01/2017), एस प्रियदर्शनी (02/2017), बैद्यनाथ रजक (03/2017), अकबर हुसैन (586/2016), दीपक आनंद (01/2016), विवेक कुमार (02/2018), संजय कुमार सिंह (01/2019), अनुभूति श्रीवास्तव (01/2021), डा.राजेंद्र प्रसाद (02/2021), ज्योति (03/2021), मृत्युंजय कुमार (04/2021), अविनाश प्रकाश (05/2021), मणि रंजन (06/2021), अखिलेश्वर प्रसाद (02/2022), अरुण कुमार सिंह (03/2022), नवीन कुमार (04/2022), रूपक कुमार (05/2022), सुरेश चौधरी (06/2022), अभिषेक सिंह (07/2022), शैलेंद्र कुमार भारती (08/2022), राजीव रंजन (09/2022) और अनिल कुमार यादव (10/2022) शामिल हैं। जबकि रिश्वत लेने के मामले में विजय कुमार (01/2022) और अरुण कुमार (11/2022) शामिल हैं।

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