बिहार में बड़ी पराजय से गुजरी कांग्रेस पर बढ़ा आकर्षण; जदयू, लोजपा, जाप के बड़े नामों ने थामा हाथ

भले ही बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ी पराजय से गुजरी लेकिन कांग्रेस के प्रति अन्य दलों के नेताओं का आकर्षण कम नहीं हुआ है। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में पार्टी अध्यक्ष उपस्थिति में जदयू लोजपा और जाप के कई नेताओं ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Sun, 14 Feb 2021 07:38 PM (IST) Updated:Mon, 15 Feb 2021 06:17 AM (IST)
बिहार में बड़ी पराजय से गुजरी कांग्रेस पर बढ़ा आकर्षण; जदयू, लोजपा, जाप के बड़े नामों ने थामा हाथ
कांग्रेस में शामिल होने के बाद विक्ट्री साइन दिखाते नेता।

राज्य ब्यूरो, पटना : भले ही बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ी पराजय से गुजरी, लेकिन कांग्रेस के प्रति अन्य दलों के नेताओं का आकर्षण कम नहीं हुआ है। रविवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में पार्टी अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा की उपस्थिति में जदयू, लोजपा और जाप के कई नेताओं ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। पार्टी से जो नेता कांग्रेस से जुड़े उनमें ज्यादातर समस्तीपुर, दरभंगा से हैं। 

ये नेता कांग्रेस में हुए शामिल

रविवार को सदाकत आश्रम में आयोजित एक समारोह में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा की मौजूदगी में जाप नेता अविनाश, अरविंद रजक, जदयू के पूर्व राज्य परिषद सदस्य अमित झा, जाप के पूर्व प्रदेश सचिव, राणा अमित सिंह, पूर्व जिला महासचिव विजय झा, लोजपा नेता, गौरव झा, बाबी कुमार, बौआकान्त झा एवं दूसरे अन्य दलों से आये नेताओं ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। 

भाजपा-जदयू की नीतियों से उन्हीं के नेता परेशान

मदन मोहन झा ने इस दौरान मीडिया से कहा कि आज राज्य की भाजपा-जदयू सरकार की नीतियों से आम आवाम से लेकर खुद उनकी पार्टी के नेता बुरी तरह परेशान हैं। लोग विकल्प की तलाश कर रहे हैं। इनके लिए कांग्रेस के दरवाजे हमेशा खुले हैं।

नेताओं के कांग्रेस में आने से पार्टी और मजबूत होगी

डॉ. झा ने कहा इन नेताओं के कांग्रेस में आने से पार्टी और मजबूत होगी। सदाकत आश्रम में हुए इस कार्यक्रम में सुबोध कुमार, विधायक प्रमोद कुमार सिंह, मीडिया विभाग के अध्यक्ष एचके वर्मा, प्रवक्ता राजेश राठौड़ एवं शरबत जहांफातमा, पूर्व विधायक लाल बाबू लाल, आनन्द माधव, शंकर झा समेत अन्य नेता मौजूद रहे। बताते चलें कि पिछले साल बिहार विधानसभा में कांग्रेस ने महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ा था। चुनाव का परिणाम कांग्रेस के लिए काफी निराशाजन रहा। पार्टी 70 सीट पर लड़कर मात्र 22 पर सिमट गई थी। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी खराब रहा था। 

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