फिर पटना जू में दौड़ेगी बच्चों की पसंदीदा छुक-छुक गाड़ी, सुनाएगी कहानियां

पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में फिर से छुकछुक गाड़ी दौड़ेगी। बच्चों को कहानियां सुनाएगी। जू में फरवरी के अाखरी सप्ताह में इसके परिचालन की उम्मीद है।

By Akshay PandeyEdited By: Publish:Thu, 03 Jan 2019 05:36 PM (IST) Updated:Thu, 03 Jan 2019 05:36 PM (IST)
फिर पटना जू में दौड़ेगी बच्चों की पसंदीदा छुक-छुक गाड़ी, सुनाएगी कहानियां
फिर पटना जू में दौड़ेगी बच्चों की पसंदीदा छुक-छुक गाड़ी, सुनाएगी कहानियां

संजय गांधी जैविक उद्यान में जल्द ही छुकछुक गाड़ी दौड़ेगी। एेसी वैसी नहीं बच्चों की छुकछक गाड़ी। पटना जू में पटरीरहित ट्वाय ट्रेन फरवरी माह के अंत तक चलने लगेगी। 30 सीट की क्षमता वाली ट्रेन बैटरी की मदद से सड़क पर चलेगी। यह छुक-छुक की आवाज करते चलेगी तथा बच्चों को भ्रमण के दौरान चिड़ियाघर की कहानी सुनाएगी। बाघ और शेर को दहाड़ते हुए आवाज बच्चे सुनेंगे।

दो बोगी की होगी ट्रेन

उद्यान प्रशासन को ट्वाय ट्रेन के परिचालन पर एक रुपये भी खर्च नहीं करना पड़ेगा। परिचालन कराने वाला प्रतिमाह एक लाख रुपये से अधिक राशि उद्यान को देगा। ये ट्रेन दो बोगी की होगी। उद्यान प्रशासन इस ट्रेन के आने के पहले उद्यान के सभी क्षेत्र की सड़कों का अध्ययन करा रहा है। पतली सड़कों को चौड़ा कराया जाएगा। ताकि दर्शकों और ट्वाय ट्रेन के परिचालन में कोई बाधा उत्पन्न न हो सके।

तीन साल से बंद है परिचालन

स्थानीय चिड़ियाघर में 2015 के मध्य से शिशु रेल का परिचालन बंद है। बच्चे मायूस होकर लौटते हैं। सबकी चाहत है कि शिशु रेल से उद्यान का भ्रमण करे। पटरी पर चलने वाली शिशु रेल में एक साथ 100 बच्चे बैठकर यात्र करते थे। जिस केज के पास ट्रेन जाती थी, यहां उस वन्य प्राणियों की आवाजें निकलती थी तथा उसके बारे में बताया जाता था।

पटरी पर चलने वाली ट्रेन चलाने में ज्यादा खर्च

फिलहाल पटरी वाली ट्रेन का परिचालन कराने की योजना है। इसमें मोटी रकम खर्च होगी। जबकि ट्वाय ट्रेन में उद्यान प्रशासन को एक रुपये भी खर्च नहीं करना है तथा बच्चों को एक ट्रेन भी मिल गई। उद्यान निदेशक अमित कुमार ने बताया कि ट्रेन लाने और संचालन करने की सभी प्रकार की कागजी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई है।

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