बीपीएससी पर आरा के इस कालेज की वजह से लग गया बड़ा दाग, एक्जाम देने आए अभ्यर्थियों से जानें अंदर की बात
BPSC Paper Leak Inside Story बिहार लोक सेवा आयोग की साख पर आरा के एक कालेज की वजह से बड़ा दाग लग गया। कुंवर सिंह कालेज में ऐसा क्या हुआ जिसकी वजह से परीक्षा कैंसल करनी पड़ी। जानिए परीक्षा देने आए युवाओं की जुबानी...
आरा, जागरण संवाददाता। BPSC Paper Leak Inside Story: बिहार लोक सेवा आयोग की साख पर रविवार को बड़ा दाग लग गया। बीपीएससी 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक होने की शिकायत सामने आने के बाद आयोग ने इसे रद कर दिया। करीब 800 पदों के लिए इस परीक्षा में शामिल होने के लिए छह लाख से अधिक युवाओं ने आवेदन दिया था। सवा पांच लाख के करीब युवाओं ने प्रवेश पत्र डाउनलोड किया था। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए राज्य के साथ ही बाहर से भी युवा आए थे। आरा के कुंवर सिंह कालेज पर हुए बवाल के कारण परीक्षा को रद करना पड़ा। हमने वहां परीक्षा देने आए युवाओं से बात कर पूरी कहानी जानी।
समझाने की कोशिश चली गई बेकार
आरा के कुंवर सिंह कालेज में परीक्षार्थियों ने केंद्राधीक्षक पर परीक्षा मैनेज का आरोप लगाया। हंगामा कर रहे परीक्षार्थियों ने दो कमरे में चल रही परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को फाड़ दिया। मौके पर मौजूद स्टैट्रिक मजिस्ट्रेट जय वर्धन गुप्ता और केंद्राधीक्षक डा. योगेंद्र प्रसाद सिंह के समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे परीक्षा देने से इंकार कर हंगामा करते रहे।
केवल दो कमरों में ही समय पर मिला पेपर
गोरखपुर से आयी परीक्षार्थी रिंकी कुमारी ने बताया कि उसकी सीट कमरा नंंबर पांच में थी। कायदे से पूर्वाह्न 12 बजे परीक्षा शुरू हो जानी चाहिये थी। लेकिन केंद्र पर सिर्फ दो कमरे में उत्तर पुस्तिका और प्रश्न पुस्तिका का वितरण किया गया था। अन्य 13 कमरे और एक हाल में उत्तर पुस्तिका का भी वितरण नहीं किया गया था। जबकि इन दोनों का वितरण दोपहर 12 बजे तक करना था।
वीडियोग्राफी के बीच पेपर खोलने का दावा
दूसरी ओर केंंद्राधीक्षक सह कुंवर सिंह कालेज के प्राचार्य ने कहा कि उत्तर पुस्तिका और प्रश्न-पत्र को वीडियोग्राफी के साथ मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में खोला गया। इस दौरान कुछ उत्तर पुस्तिकाओं का क्यू इधर-उधर हो गया। इसे ठीक करने में ही 15 मिनट विलंब हो गया।
अफवाह फैलने के पीछे सामने आई गलती
इधर, परीक्षार्थियों का कहना था कि अगर विलंब का कारण बताते हुए उन्हें जानकारी दी जाती और जितना देर से पर्चा मिल रहा था, उतना देर आगे समय देने का आश्वासन दिया जाता तो इतना हंगामा नहीं होता। देरी होने पर जब कुछ छात्रों ने देखा कि दो कमरे में मौजूद अभ्यर्थी धड़ाधड़ पर्चा हल कर रहे हैं, तब उनमें आक्रोश फैल गया। इसी में यह बात भी फैल गई कि दो कमरे में छात्रों को विशेष व्यवस्था के तहत परीक्षा दिलाई जा रही है। केंद्र पर मौजूद मजिस्ट्रेट और प्रचार्य छात्रों के मन से यह भ्रांति निकालने में विफल रहे।
दो रात से सोई नहीं और परीक्षा नहीं देने की रह गई कसक
परीक्षार्थी नंदन राय और प्रीति राय ने कहा कि गरीब रथ में जैसे-तैसे सफर करके बिना सोये व भर पेट खाना खाये आयी हूं। रात भर स्टेशन पर जागकर गुजारी। स्टेशन पर बाथरूम में इस कदर भीड़ थी कि उसको बयां नहीं किया जा सकता। मनमानी किराये देकर परीक्षा के लिए केंद्र पहुंची। इसके बावजूद परीक्षा नहीं हो सकी। अगर परीक्षा हो जाती, तो सारी थकावट दूर हो जाती।
केंद्र पर आए युवाओं का कहना था कि परीक्षा को लेकर जो दिशा-निर्देश आयोग की ओर से जारी किया गया है, उसे केंद्र अधीक्षक पालन नहीं किये। इसका खामियाजा परीक्षार्थियों को भुगतना पड़ा। प्रश्न-पत्र वितरण करने में आधे घंंटे तक विलंब कर दिये। गोरखपुर से आयी हिमानी कुमारी, रागिनी ने कहा कि परीक्षा के लिए एक-एक मिनट का समय कीमती होता है। कम समय में अधिक स्कोर करना होता है।
एनोवा गाड़ी का परिसर से भागने का कारण पूछ रहे परीक्षार्थी
हंगामा कर रहे परीक्षार्थियों ने बताया कि परिसर में एक उजले रंग की एनोवा गाड़ी खड़ी थी। जब हंगामा हुआ तो वह गाड़ी बाहर चली गई। परीक्षार्थियों ने गाड़ी का नंबर भी जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा को शेयर किया। छात्र गाड़ी का नंबर झारखंड का बता रहे थे। वहीं कालेज के प्राचार्य डा. योगेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि गेट को बंद किया गया था और ताले की चाभी मेरे पास थी। किसी तरह के वाहन प्रवेश वर्जित था। यह कालेज को बदनाम करने की साजिश है।
फर्श पर बिछाकर मनमानी किराये वसूले होटल वाले
बीपीएससी परीक्षा देने के लिए आरा के विभिन्न 33 केंद्रों पर 25420 छात्र-छात्राओं की परीक्षा थी। इसमें अधिकांश परीक्षार्थी उत्तर बिहार, उत्तर प्रदेश व दिल्ली से आये थे। दूसरी ओर आरा में होटल में ठहरने के लिए बमुश्किल से पांच हजार है। वाजिब है कि ठहरने में परेशानी होगी। खासकर जब इसमें छात्राओं की संख्या अधिक थी। स्टेशन के पास एक लाज में हाल में फर्श पर दरी डालकर रहने का इंतजाम था। एक छात्र से एक हजार रूपये किराया वसूला गया था। सुबह में सिर्फ फ्रेश होने के लिए एक घंटे के लिए पांच सौ रुपये लिये गये।
आयोग की ओर से दी गई समय सारणी पूर्वाह्न 11.45 बजे उत्तर पुस्तिकाओं का वितरण प्रारंभ करना पूर्वाह्न 11.55 बजे प्रश्न पुस्किाओं को वितरण दोपहर 12 बजे परीक्षा शुरू करने की घंटी परीक्षा समाप्ति के पहले वार्निंग बेल पांच मिनट पहले बजाना