Bihar Oxygen Plant: बिहार के 20 अनुमंडलीय अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की पहल तेज
New Oxygen Plants in Bihar बिहार के 20 अनुमंडलीय अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की चल रही तैयारी केंद्र से समन्वय के लिए बिहार से भी किसी एक पदाधिकारी को नामित किया जाएगा जिलों को नोडल अफसर नियुक्त कर स्वास्थ्य विभाग ने उनका ब्योरा तलब किया
पटना, राज्य ब्यूरो। New Oxygen Plants in Bihar: कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमितों की बड़ी संख्या और ऑक्सीजन की जरूरतों को देखते हुए राज्य में 20 अनुमंडलीय अस्पतालों में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट की स्थापना होने जा रही है। केंद्र ने मंजूरी भी दे दी है, जिसके बाद संबंधित जिलों को नोडल अफसर नियुक्त कर स्वास्थ्य विभाग ने उनका ब्योरा तलब किया है। बिहार में बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है। इस कड़ी में अलग-अलग मद से सभी मेडिकल कॉलेज, सदर अस्पताल और अनुमंडलीय अस्पताल को कवर करने की तैयारी है।
स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक ने चयनित जिलों के सिविल सर्जन को भेजा पत्र
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार की ओर से चयनित जिलों के सिविल सर्जनों को पत्र भेजा गया है। कहा गया है कि केंद्र सरकार ने पूर्व में 15 अनुमंडल अस्पतालों में पांच सौ लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाने की अनुमति दी थी। अब दो सौ लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले पांच अन्य प्लांट की अनुमति दी है।
एनएचएआइ और डीआरडीओ से मिलेगी मदद
केंद्र सरकार ने चयनित अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए अपने अधिकारी नामित कर दिए हैं। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजशन (डीआरडीओ) की ओर से डॉ. चंद्रिका कौशिक और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से मुख्य महाप्रबंधक एसएस झा और एचआइटीईएस से अरुंधति कांडवाल नामित किए गए हैं। केंद्र से समन्वय के लिए बिहार से भी किसी एक पदाधिकारी को नामित किया जाएगा। मनोज कुमार ने पत्र में लिखा है कि जहां प्लांट लगाए जाने हैं वहां से भी एक-एक अधिकारी को नामित करें, ताकि समन्वय बनाकर काम को पूरा किया जा सके।
यहां पांच सौ एलपीएम के प्लांट लगेंगे : अनुमंडल अस्पताल फारबिसगंज बलिया, कहलगांव, जगदीशपुर, डुमरांव, जयनगर, रजौली, मसौढ़ी, बनमंखी, डेहरी-ऑन-सोन, सिमरी बख्तियारपुर, पटोरी, महाराजगंज, महुआ और नरकटियागंज।
यहां दो सौ एलपीएम के प्लांट : टेकारी, पूसा, मनिहारी, धमदाहा और पकड़ीदयाल।